नई दिल्ली: नीरज चोपड़ा ने रविवार को वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स के पुरुष जेवलिन थ्रो स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। 2003 में भारत के लिए वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स में पहला मेडल जीतने वाली अंजू बॉबी जॉर्ज ने नीरज चोपड़ा को भारत के ऑल टाइम महान एथलीट में से एक करार दिया। नीरज चोपड़ा वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स में अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद मेडल जीतने वाले दूसरे भारतीय एथलीट बने। टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने रविवार को अमेरिका के यूजिन में वर्ल्ड मीट के पुरुष जेवलिन में सिल्वर मेडल जीता।
नीरज चोपड़ा ने 88.13 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स में सिल्वर मेडल जीता। इस सिल्वर के साथ नीरज ने 24 वर्ल्ड मेडल का सेट पूरा किया। भारतीय जेवलिन स्टार अब ओलंपिक चैंपियन, एशियाई गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स चैंपियन व वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में मेडल जीतने वाले एथलीट बन गए हैं। अंजू बॉबी जॉर्ज ने इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए नीरज चोपड़ा की तारीफ की और हरियाणा के एथलीट की उपलब्धि पर खुशी जाहिर की।
अंजू बॉबी जॉर्ज ने कहा, 'जी हां, अगर आप एथलेटिक्स में प्रतिस्पर्धा स्तर की तुलना करेंगे। 200 से ज्यादा देश हिस्सा लेते हैं और यह दुनिया के सबसे मुश्किल इवेंट्स में से एक है। वर्ल्ड चैंपियनशिप्स या एथलेटिक्स में मेडल जीतना वाकई शानदार है। नीरज चोपड़ा ने दो मेडल जीते हैं। ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में एक-एक। तो निश्चित ही हम कह सकते हैं कि वो ऑल टाइम महान भारतीय एथलीट हैं।'
जॉर्ज ने आगे कहा, 'मैं इस समय सबसे खुश हूं क्योंकि 2003 के बाद से लंबा इंतजार रहा। अब नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में मेडल जीता। आपने साबित किया कि आप असली चैंपियन हैं। शुभकामनाएं।' नीरज चोपड़ा की शुरूआत फाउल के साथ हुई थी। गत चैंपियन एंडरसन पीटर्स ने अपने पहले प्रयास में 90 मीटर से दूर भाला फेंककर अन्य एथलीट्स पर दबाव बना दिया था। नीरज चोपड़ा ने सुधार करते हुए 82.39 मीटर की दूरी पर भाला फेंका, लेकिन टॉप-3 में पहुंचने के लिए यह सही नहीं था।
हालांकि, नीरज चोपड़ा ने संयम रखा और तीसरे प्रयास में 86.37 मीटर की दूरी पर भाला फेंका। मगर मेडल जीतने वाला थ्रो चौथा प्रयास रहा, जब उन्होंने 88.13 मीटर की दूरी पर भाला फेंका। ध्यान दिला दें कि नीरज चोपड़ा ने इस साल की शुरूआत में डायमंड लीग में अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो 89.94 मीटर की दूरी पर फेंका था।