अर्जेंटीना के महान पूर्व फुटबॉलर और विश्व कप विजेता डिएगो माराडोना का बुधवार को निधन हो गया। वो 60 वर्ष के थे। हाल ही में वो अस्पताल में सर्जरी के लिए भर्ती हुए थे। सर्जरी के बाद वो 11 नवंबर को डिस्चार्ज भी हो गए थे। हालांकि उनकी सेहत बिगड़ी और फिर उन्होंने बुधवार को अंतिम सांसें लीं। उनके निधन से पूरे विश्व खेल जगत में शोक की लहर है।
साल 1986 में जादुई खेल से अर्जेंटीना का विश्व कप खिताब जिताने वाले माराडोना फुटबॉल जगत के सबसे चर्चित चेहरों व सबसे विवादित नामों में से एक रहे। उन्होंने अर्जेंटीना फुटबॉल टीम के लिए खेला भी और कोच के रूप में भी भूमिका निभाई।
डिएगो माराडोना का जन्म 30 अक्टूबर 1960 में ब्यूनो आयर्स (अर्जेंटीना) में हुआ था। वो एक बेहद गरीब परिवार में जन्मे थे। वो चार बहनों के बाद परिवार में पहले पुत्र थे। उनके दो छोटे भाई ह्यूगो और राउल भी हैं।
माराडोना की प्रतिभा को पहली बार 8 की उम्र में उनके घर के पास के एक स्थानीय फुटबॉल क्लब एस्ट्रेला रोजा के टैलेंट स्काउट ने पहचाना था। वो शुरुआत में एक स्थानीय टीम के सदस्य बने और बाद में ब्यूनो आयर्स के अर्जेंटीनोस जूनियर्स क्लब की जूनियर टीम में जगह मिल गई। वो ब्राजील के रिवेलीनो और मैनचेस्टर युनाइटेड के ज्यॉर्ज बेस्ट को आदर्श मानकर आगे बढ़े।
छोटे कद (5 फुट 5 इंच) के होने के बावजूद उनकी रफ्तार और आक्रामक खेल ने उनको धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल की तरफ कदम बढ़ाए। जब वो 16 साल के थे तब 1977 में उन्हें अर्जेंटीना की तरफ से पहली बार खेलने का मौका मिल गया। उन्होंने 1986 में अर्जेंटीना को विश्व कप जिताया और उस दौरान उनका 'हैंड ऑफ गॉड' गोल चर्चा व विवाद का विषय बना। एक ऐसा गोल जो हाथ से किया गया लेकिन फिर भी वो गोल दिया गया। वो नवंबर 2008 में अर्जेंटीना के फुटबॉल कोच भी बने। वो बार्सिलोना की टीम में रिकॉर्ड रकम के साथ दो बार ट्रांस्फर होने वाले खिलाड़ी बने।
1976-1981 अर्जेंटीनो जूनियर्स - 116 गोल
1981-1982 बोका जूनियर्स - 28 गोल
1982-1984 बार्सिलोना - 22 गोल
1984-1991 नापोली - 81 गोल
1992-1993 - सेविला - 5 गोल
1993-1994 - न्यूवेल्स ओल्ड बॉयज - 0 गोल
1995-1997 - बोका जूनियर्स - 7 गोल
1977-1979 - अर्जेंटीना अंडर-20 - 15 मैचों में 8 गोल
1977-1994 - अर्जेंटीना - 91 मैचों में 34 गोल