कोलकाता: भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद ने उम्मीद जताई है कि इस समय संघर्ष कर रहे साइना नेहवाल और किदांबी श्रीकांत जरूर वापसी करेंगे। वहीं, गोपीचंद का कहना है कि वह पीवी सिंधु की खराब फॉर्म से चिंतित नहीं हैं। हालांकि, उन्होंने माना कि यह भारतीय बैडमिंटन के लिए मुश्किल समय है क्योंकि यह ओलंपिक का साल है। सिंधु ने बीते साल विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता था। वह इस समय क्वालीफिकेशन रैंकिंग में छठे स्थान पर हैं जबकि साइना 22वें। साइना को क्वालीफिकेशन पीरियड खत्म होने तक 16वें स्थान पर आना होगा। यह पीरियड अप्रैल में खत्म होगा और तब टोक्यो के लिए भारतीय दल का चुनाव होगा। श्रीकांत की रैंकिंग में भी यहां 26वीं है। उन्हें भी 16 स्थान के अंदर आना होगा।
गोपीचंद यहां टाटा स्टील साहित्य सम्मेलन में 'ड्रीम्स ऑफ बिलियन : इंडिया एंड द ओलम्पिक गेम्स' किताब के लांच पर आए थे। कार्यक्रम से इतर गोपीचंद ने आईएएनएस से कहा, 'सिंधु थोड़ा बहुत संघर्ष कर रही हैं, लेकिन वह ऐसी खिलाड़ी हैं जिन्होंने लगातार बड़े टूर्नामेंट्स में अच्छा किया है। यह ओलम्पिक का साल है और मुझे भरोसा है कि, हमें पता कि हमें कहां काम करना है तो हम इस बात का समाधान निकाल लेंगे।' गोपीचंद ने कहा, 'यह मुश्किल समय है। क्वालीफिकेशन खत्म होने में सात-आठ टूर्नामेंट बचे हैं और उन्हें वाकई अच्छा खेलना होगा। मुझे लगता है कि श्रीकांत के सामने मुश्किल टास्क है।'
उन्होंने आगे कहा, 'पिछले दो टूर्नामेंट अच्छे नहीं गए हैं लेकिन फिर भी मुझे उम्मीद है कि यह लोग वापसी करेंगे और कुछ अच्छे प्रदर्शन करेंगे।' कोच ने कहा, 'सायना के एक-दो अच्छे प्रदर्शन उन्हें ओलम्पिक कोटा दिला देगा। उन्होंने मलेशिया ओपन में एन से यंग जैसी खिलाड़ी को हराया है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले टूर्नामेंट्स में वह मजबूत वापसी करेंगी।' गौरतलब है कि गोपीचंद ने कार्यक्रम में साइना और सिंधू को लेकर भी बात की थी। भारतीय कोच ने शुक्रवार को यह माना कि साइना ने और सिंधू को एक साथ संभालना उनके लिए मुश्किल था और वह इन दोनों खिलाड़ियों में से किसी एक को अपना चहेता नहीं चुन सकते।
गोपीचंद ने टाटा स्टील साहित्य उत्सव समारोह में कहा, 'मैं सपने में भी यह नहीं कह सकता हूं कि दोनों में से कोई एक मेरा चहेता है। मेरे लिए यह मुश्किल था लेकिन मैं संभालने में सफल रहा। दोनों का सफर अलग-अलग है और दोनों अपने तरीके से चैंपियन है।' गोपीचंद ने कहा उन्होंने दोनों खिलाड़ियों को अपने बच्चे की तरह माना और तब बुरा लगा जब साइना ने प्रकाश पादुकोण अकादमी से जुड़ने के लिए उनकी अकादमी छोड़ दी थी। उन्होंने कहा, 'अगर मैं किसी को अपना छात्र बनाता हूं तो उसे अपने बच्चे जैसा मानता हूं। मुझे साइना के अकादमी छोड़ने से काफी पीड़ा हुई। मैं इससे दुखी था। फिर जब मैंने उसे ओलंपिक में देखा तो मुझे लगा कि उसके पास बहुत अच्छा मौका है और फिर मैंने उसे हारते हुए देखा।'