नई दिल्लीः भारत के दिग्गज पहलवान बजरंग पूनिया ने कोराना वायरस के संक्रमण से चल रही भारत की जंग में मदद करने के लिए छह महीने के अपने वेतन को दान करने के साथ टोक्यो ओलंपिक 2020 को टालने की भी मांग की। इस भारतीय पहलवान ने कहा कि कई देश ओलंपिक से नाम वापस ले चुके है और ऐसे में अगर इसका आयोजन होता है तो टूर्नामेंट का महत्व कम होगा। गौरतलब है कि और कई देशों ने भी ओलंपिक को आगे बढ़ाने की अपील की है जिसमें सबसे ताजा नाम कनाडा का है जिसने आयोजन से हटने तक की बात कह डाली।
कोरोनो वायरस के बढ़ते मामलों के कारण ओलंपिक 2020 का आयोजन संदेह के घेरे में है। इस बीमारी से अब तक दुनियाभर में 15000 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है और 3,00,000 से अधिक लोगों इसके संक्रमण की चपेट में आये हैं। बजरंग ओलंपिक खेलों में भारत के पदक दावेदारों में से एक हैं लेकिन फिर भी अभी इन खेलों को कराने के पक्ष में नहीं हैं। विश्व चैम्पियनशिप 2019 के कांस्य पदक विजेता बजरंग रेलवे में अधिकारी के रूप में विशेष ड्यूटी (ओएसडी) पर तैनात हैं।
बजरंग ने कोरोना से चल रही जंग में योगदान स्वरूप छह महीने के वेतन दान करने की पहल का खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने भी समर्थन किया। बजरंग ने ट्वीट किया, ‘‘मैंने अपना छह महीने का वेतन दान करने का फैसला किया है।’’ ये है बजरंग का ट्वीट और उसके जवाब में किरेन रीजीजू का ट्वीट।
इससे पहले जनता कर्फ्यू के दिन (22 मार्च, रविवार) को भी बजरंग पूनिया ने उन सभी लोगों को सलाम किया था जो अपनी जान जोखिम में डालकर इस महामारी के बीच भी समाज की सेवा में जुटे हुए हैं।
'ओलंपिक से पहले कोरोना है'
बजरंग ने पीटीआई से कहा, ‘‘ओलंपिक से पहले हमें कोरोना वायरस से लड़ना होगा। यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है और यह 2-3 महीने तक जारी रहता है तो ओलंपिक को स्थगित करना पूरी तरह से सही रहेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोरोना वायरस का कहर जारी रहता है तो बहुत सारे देश अपने खिलाड़ियों को नहीं भेजेंगे। पहले से ही कनाडा और आस्ट्रेलिया ने कहा है कि वे अपने खिलाड़ियों को नहीं भेजेंगे। ऐसे आयोजन का क्या फायदा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ भारत की समस्या नहीं है, यह एक वैश्विक मुद्दा है, जिससे पहले निपटने की जरूरत है।’’ बजरंग सोनीपत के एक अपार्टमेंट में प्रशिक्षण ले रहे हैं, जबकि उनके कोच शाको बेंटिनिडिस जॉर्जिया के लिए रवाना हो गए हैं। महिला पहलवान के लिए विदेशी कोच एंड्रयू कुक भी कुछ दिन पहले अमेरिका के लिए रवाना हो गए हैं।
भारतीय ओलंपिक संघ भी असमंजस में
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए)ने कहा कि वह इन खेलों में देश की भागीदारी के बारे में चार सप्ताह में तय करेगा। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) पर खेलों को स्थगित करने का भारी दबाव है। इस बीच इन खेलों में पदक की एक अन्य दावेदार विनेश फोगाट ने कहा कि वह कड़ा अभ्यास कर रही हैं और उन्हें खेलों के स्थगित होने या नहीं होने की कोई चिंता नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने घर पर हूं और अब तक का प्रशिक्षण अच्छा रहा है। मेरे कुछ भी कहने से कुछ नहीं होगा।’’