एआईएफएफ चुनाव: अगर बाईचुंग भूटिया अध्यक्ष बने तो ये होगी प्राथमिकता, पूर्व कप्तान ने बताया 'कायापलट प्लान'

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भाषा
Updated Aug 30, 2022 | 22:44 IST

Bhaichung Bhutia on AIFF president's election: एआईएफएफ चुनाव में उतरने के बाद बाईचुंग भूटिया ने अपना प्लान के बारे में बात की है। भूटिया ने अध्यक्ष बनने के बाद की प्राथमिकता बताई है।

Bhaichung Bhutia
बाईचुंग भूटिया  |  तस्वीर साभार: Twitter

कोलकाता: भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया ने मंगलवार को कहा कि अगर वह दो सितंबर को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष पद का चुनाव जीत जाते हैं तो उनकी प्राथमिकता राज्य संघों को आर्थिक रूप से बेहतर बनाना होगी जिससे कि शीर्ष खिलाड़ी और कोच तैयार किए जा सकें। एआईएफएफ के शीर्ष पद के लिए भूटिया का मुकाबला पूर्व गोलकीपर कल्याण चौबे से है। इस 45 वर्षीय पूर्व भारतीय कप्तान ने यहां ईस्ट बंगाल के दौरे के दौरान कहा, ‘‘बंगाल सहित हर राज्य संघ को विभिन्न स्तरों पर अपनी लीग आयोजित करने के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।’’

भूटिया ने कहा कि उनके पास पहले से ही बजट तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल एआईएफएफ को एफएसडीएल से 50 करोड़ रुपये मिलते हैं। केंद्र सरकार से 30 से 40 करोड़ रुपये मिलते हैं। हमें राज्य संघों को जमीनी स्तर पर फुटबॉल टूर्नामेंट और लीग का आयोजन करने के लिए बजट का हिस्सा देना होगा।’’ भूटिया ने कहा, ‘‘वर्तमान में आधे राज्य संघों के पास अपनी लीग नहीं है, जमीनी स्तर की प्रतियोगिताओं के बारे में तो भूल ही जाओ, तो वे खिलाड़ी तैयार कैसे करेंगे। यदि आप स्तरीय खिलाड़ी तैयार नहीं करते हैं तो आप विश्व कप में खेलने का सपना कैसे देखेंगे? मुख्य प्राथमिकता सभी राज्यों की आर्थिक मदद करना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बहुत सारे राज्य संघ मुश्किल में हैं। आप केवल आदेश नहीं दे सकते, आपको उनकी मदद करने की आवश्यकता है। इस कोष के माध्यम से यह महत्वपूर्ण है कि आप कोच तैयार करें।’’ भूटिया ने कहा कि वह कोलकाता के बिग थ्री मोहन बागान, ईस्ट बंगाल और मोहम्मडन स्पोर्टिंग में नई जान फूंकने के लिए एक "प्रणाली" लाना चाहते हैं जो अब अपनी पेशेवर आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निवेशकों पर बहुत अधिक निर्भर हैं।

भूटिया को अपने गृह राज्य से समर्थन नहीं मिला क्योंकि उनके नामांकन को आंध्र प्रदेश और राजस्थान द्वारा प्रस्तावित और समर्थन किया गया था। वह पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता चौबे के खिलाफ उतरेंगे। भूटिया ने कहा, ‘‘कल्याण बहुत अच्छे इंसान हैं और यहां कोलकाता में खेले हैं। लेकिन मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि इस एआईएफएफ चुनाव को राजनीतिक मामला न बनाएं क्योंकि एआईएफएफ सहित कई खेल महासंघों को राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण नुकसान उठाना पड़ा है। भारतीय फुटबॉल को इन 75 साल में बहुत नुकसान हुआ है।’’

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