नई दिल्ली: प्रशासकों की समिति (सीओए) ने मंगलवार को कहा कि चुनाव और संविधान के ढांचे जैसे मसलों पर सहमति बनने के करीब पहुंचने के बाद अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ पर प्रतिबंध के फीफा के दुर्भाग्यपूर्ण फैसले से वे हैरान हैं। भारत को करारा झटका देते हुए विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संचालन संस्था फीफा ने मंगलवार को तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देकर अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को निलंबित कर दिया और उससे अक्टूबर में होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप के मेजबानी अधिकार छीन लिए।
‘‘सभी पक्षों के बीच बातचीत जारी थी’’
सीओए ने एक बयान में कहा, ‘‘सीओए हैरान है कि फीफा का फैसला ऐसे समय में आया है जब उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार फीफा, एएफसी, एआईएफएफ, सीओए और खेल मंत्रालय समेत सभी पक्षों के बीच गहन बातचीत जारी थी।’’ इसने कहा, ‘‘सीओए एआईएफएफ के चुनाव संबंधी माननीय उच्चतम न्यायालय के तीन अगस्त 2022 के आदेश का पालन करने के लिये प्रतिबद्ध है और सभी पक्षों से बातचीत जारी थी।’’ इसने आगे कहा, ‘‘सभी पक्षों के बीच पिछले कुछ दिन से जारी बातचीत में सुझाव रखा गया था कि एआईएफएफ कार्यकारी समिति के वर्तमान चुनाव 36 प्रदेशों के प्रतिनिधियों की मतदाता सूची के साथ कराये जाये।’’
‘‘कार्यकारी समिति में 23 सदस्य हो सकते हैं’’
सीओए ने बयान में कहा, ‘‘फीफा ने खेल मंत्रालय के मार्फत यह भी सुझाव दिया कि कार्यकारी समिति में छह अनुभवी खिलाड़ियों समेत 23 सदस्य हो सकते हैं। छह खिलाड़ियों में चार पुरूष और दो महिलायें हों और 17 सदस्यों का चुनाव मतदाता करेंगे ।खिलाड़ियों का नामांकन कार्यकारी समिति कर सकती है और उन्हें मतदान का अधिकार भी रहेगा।’’ बयान में कहा गया, ‘‘इसे देखते हुए सीओए भारतीय फुटबॉल पर प्रतिबंध लगाने के फीफा के फैसले से हैरान है जबकि मामले का सर्वश्रेष्ठ हल निकालने के लिये बातचीत जारी थी।’’
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