कॉमनवेल्थ गेम्स 2022: बर्मिंघम में फिर जलवा बिखेरने को तैयार लक्ष्य सेन, क्या इस चूक की कर पाएंगे भरपाई?

स्पोर्ट्स
भाषा
Updated Jul 20, 2022 | 21:00 IST

Lakshya Sen on Commonwealth Games 2022: बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में जलवा बिखेरने को तैयार हैं। वह चार महीने पहले हुई एक चूक की भरपाई करने की फिराक में होंगे।

Lakshya Sen
लक्ष्य सेन  |  तस्वीर साभार: Twitter

नई दिल्ली: भारतीय बैडमिंटन के युवा सितारे लक्ष्य सेन बर्मिंघम में उस लक्ष्य को हासिल करने के लिये प्रतिबद्ध हैं जिससे चार महीने पहले वह चूक गये थे। सेन चार महीने पहले ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे थे लेकिन स्वर्ण पदक से वंचित रह गए थे। वह पिछले 21 वर्षों में इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। अल्मोड़ा के इस 20 वर्षीय खिलाड़ी को अब 28 जुलाई से शुरू होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में बर्मिंघम एरेना में अपनी चमक बिखेरने का एक और मौका मिलेगा और वह इसके लिये पूरी तरह से तैयार हैं।

सेन ने पीटीआई से कहा, ‘‘मुझे उस हॉल में खेलना पसंद है। वहां की परिस्थितियां मेरे अनुकूल हैं। मेरी वहां से अच्छी यादें जुड़ी हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार भी मैं वहां अच्छा प्रदर्शन करूंगा। यह भी बड़ा टूर्नामेंट है और इसलिये मैं बेहतर प्रदर्शन करके पदक जीतना चाहता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सभी तीन - चार शीर्ष खिलाड़ियों के पास पीला तमगा जीतने का अच्छा मौका होगा। मैं पदक के रंग के बारे में नहीं सोच रहा हूं। मैं वहां जाकर एक बार में एक मैच पर ध्यान देना चाहता हूं।’’ भारत ने पिछली बार गोल्ड कोस्ट खेलों में मिश्रित टीम का स्वर्ण पदक जीता था और तब सेन ने इसे टेलीविजन पर देखा था।

सेन ने कहा, ‘‘पिछली बार जब भारत ने स्वर्ण पदक जीता था तो मैंने उसे टीवी पर देखा था। इससे पहले मैंने (पारुपल्ली) कश्यप भैया को 2014 में स्वर्ण पदक जीतते हुए देखा था। लेकिन 2018 में बहुत अच्छा लगा। मैं तब टीम का हिस्सा बनना चाहता था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रमंडल खेल भारत के लिए एक प्रतिष्ठित प्रतियोगिता है। मुझे लगता है कि यह प्राथमिकता के मामले में विश्व चैंपियनशिप के बराबर होगा। हर कोई ओलंपिक खेलने की इच्छा रखता है लेकिन इससे पहले आप इस तरह की कई प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं।’’

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इस युवा खिलाड़ी ने कहा, ‘‘इसलिए मैं इस बारे में बहुत सोच रहा हूं कि एक टीम के रूप में हम पिछली बार मिली उपलब्धि को कैसे दोहरा सकते हैं। इसे दोहराना आसान नहीं होगा लेकिन मैं इसके लिये उत्सुक हूं।’’ इंग्लैंड आठ खिताब जीतकर सबसे सफल टीम है जबकि पांच बार का चैंपियन मलेशिया ने 1998 से 2014 के बीच अपना दबदबा रखा था। भारत ने पिछली बार मलेशिया को हराकर खिताब हासिल किया था।

इस बार मलेशिया अपने शीर्ष एकल खिलाड़ी ली जिया जिया के बिना उतरेगा, लेकिन सेन का मानना है कि इससे काम आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘मलेशिया अच्छी टीम है। उसके पास पांच छह अच्छे एकल खिलाड़ी हैं। इसलिए एक के बाहर होने से हो सकता है उन पर प्रभाव पड़े लेकिन हम बस उम्मीद कर रहे हैं कि हम अच्छा खेलेंगे और मलेशिया को हराकर स्वर्ण पदक जीतेंगे।’’

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