बर्मिंघम: भारत की 21 वर्षीय महिला पहलवान अंशू मलिक ने शुक्रवार को कुश्ती में पहला पदक दिलाया। महिलाओं के 57 किग्रा भार वर्ग की फ्री स्टाइल कुश्ती में भारतीय टीम की भिड़ंत पिछले दो बार की चैंपियन नाइजीरिया की पहलवान ओडुनायो से थी। अंशू खिताबी जीत हासिल करने में नाकाम रहीं। ओडुनायो ने उन्हें मैच के दौरान कोई मौका नहीं दिया। ऐसे में अंशू को राष्ट्रमंडल खेलों के डेब्यू में रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
खराब रही अंशू की शुरुआत
साल 2014 और 2018 की स्वर्ण पदक विजेता नाइजीरिया पहलवान ने पहले दो अंक शुरुआत में ही हासिल कर लिए। इसके बाद अंशू मलिक ने वापसी की पुरजोर कोशिश की। लेकिन पहले राउंड के समाप्त होने से पहले उन्होंने दो अंक और गंवा दिए। अंशू के पास नाइजीरियाई खिलाड़ी के लेग अटैक का जवाब नहीं था। वो पहले राउंड में अटैक करने में नाकाम रहीं।
नाइजीरियाई खिलाड़ी ने नहीं दिया अंशू को मौका
दूसरे राउंड में दोनों ने संभलकर शुरुआत की। ओडुनायो ने समय निकालने की शुरुआत की। भारतीय खिलाड़ी को एक अंक मिला लेकिन आखिरी के एक मिनट में ओडुनायो ने एक बार फिर लेग अटैक किया और 6-1 की बढ़त बना ली। इसके बाद अंशू ने फिर अटैक किया और अंत में तीन अंक बटोरे लेकिन वो उन्हें जीत दिलाने के लिए नाकाफी रहे। 6-4 के स्कोर के बाद भारत ने आखिरी अंक के लिए चैलेंज किया। जिसका नुकसान भारत को हुआ और अंत में 3-7 के अंतर से अंशू ने गोल्ड मेडल गंवा दिया।
शानदार अंदाज में तय किया था फाइनल तक का सफर
इससे पहले अंशू मलिक ने 57 किलोग्राम वर्ग क्वार्टर फाइनल में अपने जन्मदिन पर शानदार प्रदर्शन करते हुए टेक्निकल सुपरियोरिटी के आधार पर एक मिनट के अंदर जीत दर्ज की। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की आइरीन सिमोनिडिस को 10-0 से शिकस्त देते हुए सेमीफाइनल में जगह पक्की की। इसके बाद सेमीफाइनल में श्रीलंकाई पहलवान को 10-0 से हराकर फाइनल में जगह बनाई और भारत के लिए कम से कम सिल्वर मेडल पक्का कर दिया था।