CWG 2022 Boxing: फाइनल में पहुंचे अमित पंघाल, सागर अहलावत और नीतू, जैसमीन और रोहित को मिला कांस्य

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Updated Aug 07, 2022 | 07:05 IST

चार भारतीय मुक्केबाजों ने धमाल मचाते हुए बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में प्रवेश कर लिया है। रविवार को उनकी नजर गोल्डन पंच लगाने पर होगी। 

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निकहत जरीन और हेलेन जोन्स  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • बॉक्सिंग में भारत के दो कांस्य सहित कुल छह पदक पक्के
  • चार सिल्वर मेडल का रविवार को बदल सकता है रंग
  • भारतीय मुक्केबाजों को फाइनल का सफर पूरा करने में नहीं हई है मुश्किल

बर्मिंघम: मौजूदा विश्व चैम्पियन मुक्केबाज निकहत जरीन, अमित पंघाल, सागर अहलावत और नीतू गंघास ने शनिवार को 22वें राष्ट्रमंडल खेलों की अपनी स्पर्धाओं के फाइनल में पहुंचकर भारत के लिये रजत पदक पक्के कर लिये जबकि जैसमीन और रोहित टोकस ने सेमीफाइनल में हारकर कांस्य पदक जीता। 

जैसमीन लाइटवेट (57-60 किग्रा) स्पर्धा के सेमीफाइनल में इंग्लैंड की जेमा पेज रिचर्डसन से 2-3 से हार गयी जिससे उन्होंने कांस्य पदक से संतोष किया। रोहित को पुरुष वेल्टरवेट (63.5 किग्रा-67 किग्रा) के सेमीफाइनल में जाम्बिया के स्टिफेन जिंबा ने 3-2 के खंडित फैसले से हराया।  

निकहत ने धमाकेदार अंदाज में की फाइनल में एंट्री 
निकहत ने लाइट फ्लाईवेट (48-50 किग्रा) के एकतरफा सेमीफाइनल में इंग्लैंड स्टबले अलफिया सवानाह को 5-0 के सर्वसम्मत फैसले से पराजित किया। 26 साल की इस मुक्केबाज ने अपना दबदबा जारी रखते हुए तीनों दौर में सर्वाधिक अंक जुटाये। वह फाइनल में उत्तरी आयरलैंड की कार्ले मैकनाॉल के सामने होंगी।

अमित पंघाल की मेडल का रंग बदलने पर है नजर 
अमित पंघाल ने पुरुषों की फ्लाईवेट (48-51 किग्रा) स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन के बूते राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार फाइनल में प्रवेश किया। पिछली बार उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा था जिससे इस बार वह पदक का रंग बदलना चाहेंगे। उन्होंने सेमीफाइनल में जिम्बाब्वे के पैट्रिक चिनयेम्बा को सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से पराजित किया। सात अगस्त को फाइनल में उनका सामना इंग्लैंड के मैकडोनल्ड कियारान से होगा। पंघाल ने पीटीआई से कहा, 'मैं जानता हूं कि अगला मुकाबला मुश्किल होगा क्योंकि मेजबान मुक्केबाज के लिये ज्यादा उत्साहवर्धन होगा लेकिन मैं ध्यान लगाये हूं। इस बार हाथ से नहीं जाने दे सकता।'

सुपर हेवीवेट वर्ग में दांव पर है स्वर्ण 
हरियाणा के 22 साल के सागर ने भारतीय खिलाड़ियों के दिन के आखिरी मुकाबले में पुरुषों के सुपर हेवीवेट (+91 किग्रा) वर्ग के सेमीफाइनल में नाईजीरिया के इफीनी ओनयेकवेरे को 5-0 के सर्वसम्मत फैसले से हराकर कम से कम रजत पदक पक्का किया। भारतीय बॉक्सर ने नाईजीरिया के मुक्केबाज को मौका नहीं दिया। 

मिनिममवेट कैटेगरी के फाइनल में नीतू 
सबसे पहले रिंग में उतरी नीतू (45-48 किग्रा) अपने पहले ही राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक मुकाबले में पहुंच गयी जिसमें वह इंग्लैंड के रेश्जटान डेमी जेड के सामने होंगी।  उन्होंने मिनिममवेट वर्ग के सेमीफाइनल में कनाडा की प्रियंका ढिल्लों को आरएससी (रैफरी द्वरा मुकाबला रोकना) से पराजित कर अपना रजत पदक पक्का किया। पदार्पण कर रही 21 साल की नीतू के चेहरे पर आत्मविश्वास साफ झलक रहा था, वह ‘ओपन गार्ड’ खेल रही थी ताकि प्रतिद्वंद्वी को मुक्के मारने के लिये उकसा सकें और वह अपने सीधे मुक्केबाजें का बखूबी इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने लगातार ‘एक-दो’ मुक्कों से दबदबा बनाया जिससे रैफरी को मुकाबला रोकने के लिये बाध्य होना पड़ा।

पहले राउंड में पिछड़ गए थे पंघाल
वहीं 26 साल के पंघाल पर उनके आक्रामक प्रतिद्वंद्वी ने शुरू में ही मुक्कों की बरसात कर दी जिससे विश्व चैम्पियनशिप का रजत पदक मुक्केबाज शुरूआती राउंड में 2-3 से पिछड़ गया था। लेकिन टोक्यो ओलंपिक के निराशाजनक प्रदर्शन को पीछे छोड़ने की कोशिश में जुटे पंघाल ने अपने अनुभव का फायदा उठाकर अपनी मर्जी के मुताबिक ‘हुक्स और जैब्स’ लगाने के बाद प्रतिद्वंद्वी को हावी होने का मौका नहीं दिया और जजों ने भारतीय मुक्केबाज के पक्ष में फैसला दिया।

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