CWG 2022: विनेश फोगाट ने पूरी की राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल की हैट्रिक, भारत ने जीता 11वां गोल्ड

Vinesh Phogat CWG 2022 Gold: विनेश फोगाट ने राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार तीसरी बार स्वर्ण पदक जीत लिया है।

Vinesh-Phogat
विनेश फोगाट 
मुख्य बातें
  • विनेश फोगाट ने लगातार तीसरे राष्ट्रमंडल खेलों में जीता तीसरा गोल्ड
  • राउंड रॉबिन आधार पर खेले गए मुकाबलों में विनेश को कोई पहलवान नहीं दे पाया चुनौती
  • इस जीत के साथ ही भारत के 11 गोल्ड के साथ 33 हुई पदकों की संख्या

बर्मिंघम: भारत की दिग्गज महिला पहलवान विनेश फोगाट ने शनिवार को महिलाओं की 53 किग्रा (नॉर्डिक) भारवर्ग की स्पर्धा में राउंड रॉबिन के आधार पर खेले गए तीन मुकाबलों में जीत दर्ज करके 13 क्लासिफिकेशन प्वाइंट्स के साथ गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। विनेश फोगाट ने अपने आखिरी मुकाबले में श्रीलंका की 18 साल की पहलवान चमोदया केसानी को 0-4 के अंतर से मात देकर गोल्ड मेडल जीता।

भारत का यह मौजूदा राष्ट्रमंडल खेलों में 11वां स्वर्ण पदक है। इसके साथ ही भारत के कुल पदकों की संख्या भी 33 हो गई है। भारतीय पहलवानों ने धमाल मचाते हुए बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में अबतक कुल 5 स्वर्ण, 1 रजत और 3 कांस्य पदक सहित कुल 9 पदक जीत लिए हैं। विनेश भारत के लिए बर्मिघम में गोल्ड जीतने वाली पांचवीं भारतीय और दूसरी महिला पहलवान हैं। उनसे पहले दीपक पूनिया, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, रवि दहिया गोल्ड जीत चुके हैं।

तीनों पहलवानों को नहीं हासिल करने दिया अंक
विनेश ने अपने स्वर्णपदक विजय अभियान की शुरुआत नाइजीरिया की पहलवान मर्सी बोलाफुनोलुवा के खिलाफ 0-6 के अंतर से जीत के साथ की थी। इसके बाज दूसरे मुकाबले में उन्होंने कनाडा की समैंथा स्टीवर्ट को 2-0 के अंतर से पटखनी देकर अपना गोल्ड मेडल तीसरे मुकाबले से पहले ही तकरीबन पक्का कर लिया था। लेकिन आखिरी मुकाबले में उन्होंने श्रीलंकाई पहलवान को मात देकर लगातार तीसरा स्वर्ण पदक राष्ट्रमंडल खेलों में जीत लिया। विनेश के दबदबे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके खिलाफ तीनों में से एक भी विरोधी खिलाड़ी एक भी अंक नहीं हासिल कर सकीं।

तीनों बार अलग-अलग भारवर्ग में जीता गोल्ड
साल 2014 में विनेश फोगाट ने ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किग्रा भारवर्ग में स्वर्ण अपने नाम किया था। इसके बाद उन्होंने गोल्ड कोस्ट में 50 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। इस बार उन्होंने एक बार फिर नए भारवर्ग में राष्ट्रमंडल खेलों में शिरकत की और इस बार भी पदक का रंग सुनहरा ही रहा। 

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