हाईकोर्ट ने पूर्व हॉकी कोच मारिन की बयानबाजी पर लगाई रोक, कप्तान मनप्रीत के मामले में कही ये अहम बात

स्पोर्ट्स
भाषा
Updated Sep 21, 2022 | 17:35 IST

Delhi High Court on Sjoerd Marijne: दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व हॉकी कोच शोर्ड मारिन को कप्तान मनप्रीत सिंह के संबंध में बयान देने से रोका है। मारिन ने अपनी किताब में मनप्रीत पर गंभीर आरोप लगाया था।

Sjoerd Marijne and Manpreet Singh Controversy
शोर्ड मारिन और मनप्रीत सिंह।  |  तस्वीर साभार: Twitter

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कोच शोर्ड मारिन को अपनी किताब में पुरुष राष्ट्रीय टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह के खिलाफ लगाए आरोपों के संबंध में बयान जारी करने से रोकते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया ये मानहानि करने वाले लगते हैं। अदालत ने प्रकाशक हार्पर कोलिन्स पब्लिशर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के वकील की दलील पर भी गौर किया कि मनप्रीत द्वारा दायर मुकदमे के लंबित रहने तक उनका इरादा किताब के विवादास्पद हिस्से को प्रकाशित करने का नहीं है।

'बयान साख को नुकसान पहुंचाने वाले'

किताब के संबंधित हिस्से को पढ़ने के बाद न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कहा, ‘‘मेरे नजरिए से प्रथम दृष्टया बयान अपमानजनक और याचिकाकर्ता (मनप्रीत सिंह) की प्रतिष्ठा और साख को नुकसान पहुंचाने वाले लगते हैं।’’ अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया मामला बनता है और इसका संतुलन मनप्रीत के पक्ष में और मारिन के खिलाफ है जिनकी पुस्तक ‘विल पावर - द इनसाइड स्टोरी ऑफ द इनक्रेडिबल टर्नअराउंड इन इंडियन वुमेंस हॉकी’ का बुधवार को विमोचन होना है।

'प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति होगी'

अदालत ने कहा कि अगर ये बयान सार्वजनिक होते हैं तो इससे मनप्रीत की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति होगी। सुनवाई की अगली तारीख 18 नवंबर को तय करते हुए अदालत ने कहा, ‘‘नतीजतन सुनवाई की अगली तारीख तक प्रतिवादी संख्या दो (मारिन) को याचिकाकर्ता के प्रति मानहानि वाली पांडुलिपि के संबंध में बयान, साक्षात्कार जारी करने से रोका जाता है।’’ उच्च न्यायालय ने मनप्रीत के वकील को एक मीडिया घराने को पत्र लिखकर उस खबर को हटवाने की स्वीकृति भी दी जिसमें मनप्रीत के खिलाफ मारिन के आरोपों की विस्तृत जानकारी है।

अगली खबर