FIFA World Cup 2022: फुटबॉल जगत के सबसे बड़े आयोजन जिसके लिए फैंस चार सालों तक इंतजार करते हैं, उसका आयोजन इस बार कतर में होने जा रहा है। फीफा विश्व कप 2022 का आगाज जब कतर में होगा तब 'ऑफ-साइड' के फैसलों को सरल बनाने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। फीफा इस बार कुछ खास तकनीक के साथ उतरने जा रहा है।
फुटबॉल वर्ल्ड कप 2022 में ‘ऑफ साइड’ फैसलों को बेहतर करने के लिये फीफा इस बार नई तकनीक शुरू करेगा जिसमें ‘लिंब-ट्रैकिंग कैमरा’ (पैर की गतिविधियों पर नजर रखने के लिये) प्रणाली का इस्तेमाल किया जायेगा। फीफा ने शुक्रवार को कहा कि वह ‘सेमी-ऑटोमेटिड ऑफसाइड’ तकनीक (एसएओटी) लांच करने के लिये तैयार है जिसमें कई कैमरे खिलाड़ी के मूवमेंट पर नजर रखते हैं और साथ ही गेंद में एक ‘सेंसर’ लगा होगा जिससे स्टेडियम की स्क्रीन पर तुरंत ही त्रि-आयामी छवियां दिखेंगी जिससे प्रशंसकों को रैफरी के फैसले को समझने में मदद मिलेगी।
यह लगातार तीसरा विश्व कप होगा जिसमें फीफा ने रैफरी की मदद के लिये नयी तकनीक शुरू की है। ब्राजील में 2014 टूर्नामेंट के लिये ‘गोल लाइन’ तकनीक तैयार की गयी थी क्योंकि 2010 में कई रैफरी ने काफी गलतियां की थीं। फिर 2018 में वीडियो ‘रिव्यू’ लाया गया जिससे कई मौकों पर रैफरी को मैच का रूख बदलने वाली घटनाओं पर फैसला करने में मदद मिली थी।
कुछ इस तरह से दिखेगी नई 'ऑफ-साइड' तकनीक
इस नयी ‘ऑफ साइड’ प्रणाली में वीडियो सहायक रैफरी (वीएआर) प्रणाली की तुलना में बेहद सटीक और जल्दी फैसला आयेगा। हालांकि 2018 विश्व कप में ऑफसाइड की बड़ी गलतियां नहीं हुई थीं। फीफा के ‘रैफरिंग’ कार्यक्रम की अगुआई करने वाले और तकनीक पूर्व युग में 2002 विश्व कप फाइनल में काम कर चुके पिएरलुईजी कोलिना ने कहा, ‘‘ ये उपकरण काफी सटीक है, इसमें शायद और सुधार हो सकता है।’’