Junior Hockey World Cup: जर्मनी ने डिफेंडिंग चैंपियन भारत को सेमीफाइनल में हराकर बाहर किया

स्पोर्ट्स
भाषा
Updated Dec 04, 2021 | 02:19 IST

India vs Germany, Junior Hockey World Cup 2021: भारतीय जूनियर हॉकी टीम को जूनियर हॉकी विश्व कप 2021 के सेमीफाइनल में जर्मनी के खिलाफ हार के बाद बाहर होना पड़ा है।

India vs Germany, Junior Hockey World Cup 2021
भारत-जर्मनी, जूनियर हॉकी विश्व कप 2021  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • एफआईएच जूनियर हॉकी विश्व कप 2021
  • सेमीफाइनल में भारतीय हॉकी टीम को मिली हार
  • जर्मनी ने मेजबान व डिफेंडिंग चैंपियन भारत को हराया

मौजूदा चैंपियन भारत का लगातार दूसरी बार एफआईएच जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप जीतने का सपना शुक्रवार को यहां छह बार के चैंपियन जर्मनी से 2-4 से हार के साथ टूट गया। जर्मनी फाइनल में अर्जेंटीना से भिड़ेगा। भारत तीसरे और चौथे स्थान के मैच में रविवार को फाइनल से पहले फ्रांस से भिड़ेगा। भारत इससे पहले पूल चरण में फ्रांस से 4-5 से हार गया था। लखनऊ में 2016 में जूनियर विश्व कप खिताब जीतने वाली भारतीय टीम जर्मनी के खिलाफ शुरू से दबाव में आ गयी थी।

जर्मनी की तरफ से एरिक क्लेनलेन (15वें मिनट), एरोन फ्लैटन (21वें मिनट), कप्तान हेंस मुलर (24वें मिनट) और क्रिस्टोफर कुटर (25वें मिनट) ने गोल किये। भारत के लिए उत्तम सिंह (25वें) और बॉबी सिंह धामी (60वें) ने गोल किये। भारतीय टीम ने क्वार्टर फाइनल में बेल्जियम के खिलाफ शानदार रक्षण दिखाया था लेकिन जर्मनी के खिलाफ रक्षापंक्ति रंग में नहीं दिखी। मध्य पंक्ति और अग्रिम पंक्ति के बीच भी किसी तरह का तालमेल नहीं दिखा। उत्तम ने हालांकि बीच बीच में अच्छा खेल दिखाया।

जर्मन टीम ने शुरू से ही अच्छा खेल दिखाया। मैक्सीमिलन सीगबर्ग ने शुरू में ही गोल करने का सुनहरा अवसर गंवाया। इसके एक मिनट बाद जर्मनी को पेनल्टी कार्नर मिला जिस पर भारतीय गोलकीपर प्रशांत चौहान ने शानदार बचाव किया। जर्मनी ने पहला क्वार्टर समाप्त होने से 25 सेकेंड पहले पहला गोल दागा। क्लेनलेन ने जर्मनी को मिले दूसरे पेनल्टी कार्नर पर रिबाउंड पर यह गोल किया। प्रशांत ने इससे पहले फ्लिक पर बचाव कर दिया था।

भारत को दूसरे क्वार्टर में पांचवें सेकेंड में ही पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन उप कप्तान संजय कुमार गोल करने में नाकाम रहे। इस बीच जर्मनी ने दूसरे गोल के लिये प्रयास जारी रखे। जर्मनी ने दूसरे क्वार्टर के छठे मिनट में भारतीय रक्षापंक्ति में सेंध लगायी और फ्लैटन ने बढ़त दोगुना कर दी। इसके तुरंत बाद कप्तान मुलर ने स्कोर 3-0 कर दिया।

भारत ने तुरंत ही जवाबी हमला किया और उत्तम ने राहुल कुमार राजभर के क्रास पर गोल कर दिया लेकिन भारत की खुशी ज्यादा देर नहीं रही और उसने पेनल्टी कार्नर गंवा दिया जो पेनल्टी स्ट्रोक में बदल गया। कुटर ने इस पर गोल करने में कोई गलती नहीं की। भारत ने मध्यांतर के बाद तीन गोल से पिछड़ने के बाद वापसी के लिये काफी प्रयास किये लेकिन जर्मनी की रक्षापंक्ति मजबूत थी। राजभर 42वें मिनट में गोल करने के करीब थे लेकिन जर्मन गोलकीपर एंटन ब्रिंकमैन ने अच्छा बचाव किया।

भारतीय खिलाड़ियों ने पेनल्टी कार्नर हासिल करने पर ध्यान देने के बजाय गेंद पर नियंत्रण रखने पर अधिक ध्यान दिया। जर्मनी को 52वें मिनट में पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन वह उसे गोल में नहीं बदल पाया। अंतिम हूटर बजने से पहले धामी ने भारत के लिये दूसरा गोल दागा लेकिन इससे हार का अंतर ही कम हो पाया।

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