18 दिनों में 900 किमी दौड़कर दिल्‍ली पहुंचा छात्र, मकसद दिल खुश कर देने वाला

Ramesh Pokhriyal Meets Harsh Pandit: सातवीं कक्षा का एक छात्र जबलपुर से मैराथन दौड़कर गुरुवार को दिल्‍ली पहुंचा है। छात्र ने 18 दिनों में लगभग 900 किलोमीटर मैराथन दौड़ लगाई है।

Harsh Pandit
रमेश पोखरियाल और हर्ष पंडित @PIB  |  तस्वीर साभार: Twitter

नई दिल्ली: दिल में अगर कुछ करने के जज्बा हो तो मुश्किलें खुद-ब-खुद छोटी लगने लगती हैं। ऐसे ही एक मकसद के साथ मध्य प्रदेश के जबलपुर से सातवीं कक्षा के छात्र हर्ष पंडित ने दौड़ लगाई। हर्ष  प्रदूषण और प्‍लास्टिक मुक्‍त भारत तथा जल संरक्षण के संदेश के साथ 18 दिनों में लगभग 900 किलोमीटर मैराथन दौड़ लगाकर दिल्‍ली पहुंचे हैं। उन्होंने जबलपुर से 26 जनवरी, 2020 को मैराथन शुरू किया था और वह गुरुवार को नई दिल्‍ली के इंडिया गेट पर पहुंच गए। 

इस लंबी मैराथन के पीछे अपने उद्देश्यों के बारे में  हर्ष ने कहा कि मैं प्लास्टिक मुक्त भारत और जल संरक्षण के संदेश को फैलाने के लिए प्रेरित हुआ। इस लक्ष्य को पाने के लिए मेरे पिता ने मेरा पूरा साथ दिया। नैतिक समर्थन प्रदान करने के लिए मैं अपने शिक्षकों और प्रधानाचार्यों का भी आभारी हूं। हर्ष का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए सुझाए जाने की संभावना है। बता दें कि हर्ष केन्‍द्रीय विद्यालय संख्‍या 2, जीसीएफ जबलपुर के छात्र हैं।

केन्‍द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने हर्ष के दिल्ली पहुंचने पर उनसे मुलाकात की। पीआईबी के मुताबिक, रमेश पोखरियाल ने एक नेक संकल्‍प के लिए जबलपुर से दिल्‍ली तक दौड़ लगाने के प्रयासों को लेकर हर्ष की सराहना की। केन्‍द्रीय मंत्री ने प्‍लास्टिक मुक्‍त भारत तथा जल संरक्षण की दिशा में इस जागरूकता को आगे बढ़ाने के लिए छात्र तथा उसके परिजनों को प्रेरित किया। मानव संसाधन विकास मंत्री ने सभी छात्रों से कहा कि वे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूकता अभियान चलाएं। 

 

 

केन्‍द्रीय मंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि मैं हर्ष और उनके पिताजी हिमांशु जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं, आप देश के सभी बच्चों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं। इंडिया गेट के अमर जवान ज्‍योति में केन्‍द्रीय विद्यालय के छात्रों एवं शिक्षकों की उत्‍साहवर्धक भीड़ ने हर्ष का स्‍वागत किया। कम उम्र में इस सफलता से हर्ष अत्‍यंत प्रसन्‍न हुआ। हर्ष के पिता श्री हिमांशु पंडित भी मैराथन दौड़ में अपने पुत्र का साथ दे रहे थे। अपने अंतिम लक्ष्‍य तक पहुंचने के क्रम में हर्ष ने प्रतिदिन औसतन 50 किलोमीटर की दूरी तय की।

 

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