टोक्यो: ओलंपिक में हॉकी स्पर्धा के आयोजन में कई 'अगर मगर' से परेशान अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना संक्रमण मामलों के कारण अगर टोक्यो ओलंपिक में हॉकी फाइनल रद्द होता है तो दोनों टीमों को गोल्ड मेडल दिया जायेगा। एफआईएच के मुख्य कार्यकारी अधिकारी थियरे वील ने कहा कि कोरोना मामलों के कारण हॉकी स्पर्धा से नाम वापिस लेने का अधिकार टीमों को होगा।
टोक्यो ओलंपिक को आम खेलों से अलग बताते हुए उन्होंने कहा कि टीम में कोरोना के मामले आने पर भी वह खेल सकती है। उन्होंने कहा कि नियमों को लेकर काफी 'अगर मगर' है जिस पर स्पष्टीकरण की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ऐसी नौबत ही नहीं आयेगी जब किसी टीम को कोरोना के कारण नाम वापिस लेना पड़ेगा।
उन्होंने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'ये खेल आम खेलों से अलग है। ये ओलंपिक इतिहास में दर्ज हो जायेंगे। यह पहले जैसे ओलंपिक नहीं है। सभी खिलाड़ियों और संबंधित लोगों को पता है कि उनका और लोगों का स्वास्थ्य दाव पर है।'
कोरोना के कारण हॉकी टीम के नाम वापिस लेने संबंधी नियम के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, 'कोई आंकड़ा तय नहीं है। यह टीम पर निर्भर करता है। छह, सात मामले आने पर भी टीम खेल सकती है। पूरी टीम प्रभावित होने पर ही नाम वापिस लेने की नौबत आयेगी।'
एफआईएच द्वारा बनाये गए खेल विशेष नियमों (एसएसआर) के तहत अगर कोई टीम पूल मैच नहीं खेल पाती है तो दूसरी टीम को 5-0 से विजयी माना जायेगा। दोनों टीमें नहीं खेल पाती हैं तो इसे गोलरहित ड्रॉ माना जाएगा। टीमें बाकी पूल मैच खेल सकती हैं। उन्होंने कहा, 'फाइनल में दोनों टीमों के नाम वापिस लेने पर दोनों को गोल्ड मेडल दिया जायेगा। यह एसएसआर में साफ लिखा गया है।'
आम तौर पर ओलंपिक में हॉकी टीम में 16 खिलाड़ी होते हैं लेकिन इस बार कोरोना काल की वजह से हर टीम को दो अतिरिक्त खिलाड़ी और एक रिजर्व गोलकीपर रखने की अनुमति दी गई है। टोक्यो ओलंपिक में हॉकी स्पर्धा 24 जुलाई से शुरू होगी।