टोक्यो: भारतीय महिला हॉकी टीम ने शनिवार को यहां टोक्यो ओलंपिक में पूल के शुरूआती मैच में दुनिया की नंबर एक टीम नीदरलैंड के खिलाफ पहले दो क्वार्टर में दमदार खेल दिखाया, लेकिन आखिर में उसे 1-5 से हार झेलनी पड़ी। फेलिसे एलबर्स ने तीन बार के चैम्पियन और मौजूदा ओलंपिक रजत पदक विजेता नीदरलैंड के लिये छठे और 43वें मिनट में दो गोल किये जबकि मारगोट वान जेफेन ने 33वें, फ्रेडरिक माटला ने 45वें और काईया जैकलिन वान मासाकार ने 52वें मिनट में गोल दागे। भारत के लिये एकमात्र गोल कप्तान रानी रामपाल ने 10वें मिनट में किया।
पहले दो क्वार्टर तक यह करीबी मुकाबला रहा जिसमें भारतीय खिलाड़ियों ने बेहतरीन रक्षात्मक खेल दिखाया। इसमें गोलकीपर सविता पूनिया ने नीदरलैंड के लगातार हमलों को विफल किया। भारतीय खिलाड़ियों ने बीच बीच में जवाबी हमलों से प्रतिद्वंद्वियों को हैरान भी किया। उम्मीद के अनुरूप नीदरलैंड ने छठे मिनट में एलबर्स के करीब से किये गये गोल से बढ़त बना ली, लेकिन रानी ने सर्कल के ऊपर से हिट कर 10वें मिनट में टीम को बराबरी पर ला दिया।
मध्यांतर तक स्कोर बराबर रहा। लेकिन ब्रेक से उनकी लय टूट गयी और नीदरलैंड ने आक्रामक खेल दिखाते हुए चार पेनल्टी कार्नर हासिल किये और साथ ही तीन गोल कर डाले। इससे भारतीय टीम की उलटफेर करने की उम्मीद टूट गयी। सविता ने कुछ बेहतरीन बचाव किये जिससे नीदरलैंड की टीम परेशान हो गयी और उसने दूसरे और चौथे क्वार्टर में आक्रामकता अख्तियार की।
मारगोट वान जेफेन ने 33वें मिनट में नीदरलैंड को बढ़त दिला दी। इसके बाद नीदरलैंड ने लगातार दो गोल कर दिये। एलबर्स ने 43वें मिनट में और माटला ने 45वें मिनट में गोल दागे। इतना ही काफी नहीं था कि नीदरलैंड ने मासाकर के 52वें मिनट में छठे पेनल्टी कार्नर से पांचवां गोल कर दिया। दोनों टीमों के खेल के स्तर में अंतर को उनके पेनल्टी कार्नर हासिल करने से आंका जा सकता है। नीदरलैंड ने छह पेनल्टी कार्नर हासिल किये जबकि भारतीय टीम एक भी पेनल्टी कार्नर हासिल नहीं कर सकी।
भारत के मुख्य कोच सोर्ड मारिन ने कहा कि वह हार से चिंतित नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'हमने पहले हॉफ में बहुत अच्छा खेल दिखाया। यदि आप नीदरलैंड के खिलाफ गेंद पर 50 प्रतिशत कब्जा रखते हैं तो मुझे लगता है कि आप अच्छा खेल रहे हैं। पिछले छह वर्षों में यह पहला अवसर था जबकि हम नीदरलैंड का सामना कर रहे थे।'