नई दिल्ली: महिला हॉकी टीम की गोलकीपर सविता के मुताबिक 2016 रियो ओलंपिक में टीम के पास अनुभव की कमी थी, लेकिन पिछले चार वर्षों में भारत एक प्रतिस्पर्धी टीम में बदल गया है और अगले साल के टोक्यो खेलों में उनके पास इतिहास रचने का अच्छा मौका होगा। भारतीय महिला हॉकी टीम ने 36 साल के अंतराल के बाद रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करके इतिहास रचा था। टीम की यह खुशी हालांकि ज्यादा लंबे समय तक बरकरार नहीं रही क्योंकि वे ग्रुप चरण से ही बाहर हो गये थे।
हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति के मुताबिक सविता ने कहा, 'मुझे लगता है कि उस समय हमारी टीम अनुभवहीन थी और हमने कुछ गलतियां की थीं। अब हमारे पास अधिक मजबूत टीम है और मुझे यकीन है कि हम रियो की असफलता को पीछे छोड़ने में कामयाब होंगे। ओलंपिक खेलों का अनुभव निश्चित रूप से टोक्यो में हमारे काम आयेगा।'
इस 30 साल की गोलकीपर ने कहा, 'मुझे लगता है कि हमारे पास टोक्यो ओलंपिक में इतिहास बनाने का शानदार मौका है। टीम में अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का शानदार मिश्रण है। हमने हाल के दिनों में शीर्ष टीमों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा की है और हमें अपनी क्षमताओं पर दृढ़ विश्वास है। अगर हम अपनी क्षमता से खेलते हैं तो निश्चित रूप से अगले साल ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतेंगे।'
रियो ओलंपिक के अनुभव के बारे में उन्होंने कहा कि टीम 36 साल बाद इसके लिए क्वालीफाई कर काफी रोमांचित थी। उन्होंने कहा, 'किसी भी खिलाड़ी के लिए ओलंपिक हमेशा शीर्ष टूर्नामेंट होगा। हम सभी का सपना न केवल प्रतियोगिता में भाग लेना है, बल्कि अपने देश के लिए पदक जीतना भी है। 2016 में रियो ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करना शानदार था।'