टोक्यो: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण इस साल जापान की राजधान टोक्यो में होने वाले ओलंपिक गेम्स पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अगर वायरस काबू में नहीं हुआ तो आयोजकों द्वारा ओलंपिक स्थगित करने या स्थानांतरित करने की तुलना में पूरी तरह से रद्द करने की संभावना ज्यादा है। इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (आईओसी) के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि अगर मई यानी गर्मी तक कोरोना वायरस को कंट्रोल में नहीं किया जा सका तो ओलंपिक गेम्स रद्दा हो सकते हैं। बता दें कि कोरोना वायरस के फैलने की शुरुआत चीन से हुई थी और अब यह जापान समेत दुनियाभर में पहुंच चुका है। हालांकि, चीन की तुलना में अन्य किसी देश में इस वायरस ने बड़े पैमाने पर प्रभावित नहीं किया है।
'अभी बहुत सारी चीजें शुरू होनी हैं'
पूर्व कनाडाई तैराकी चैंपियन और आईओसी के सदस्य डिक पाउंड का कहना है कि तीन महीने या शायद एक दो महीने के वक्त बचा है टोक्यो ओलंपिक के भाग्य का फैसला करने के लिए। न्यूज एजेंजी एपी के मुताबिक, पाउंड ने कहा कि उस समय और उसके आसपास लोग पूछना लगेंगे कि क्या यह (कोरोना वायरस) केंट्रोल में है ताकि हम टोक्यो जाने के बारे में आश्वस्त हों या नहीं? जैसे-जैसे खेल नजदीक आ रहें तो इसपर उन्होंने कहा कि बहुत सारी चीजें शुरू होनी हैं। आपको सुरक्षा, भोजन, ओलंपिक विलेज, होटल तक पहुंचाना शुरू करना होगा। मीडिया के लोग वहां अपने स्टूडियो बनाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि आईओसी तय करता है कि खेल टोक्यो में निर्धारित के अनुसार आगे नहीं बढ़ सकते तो वो शायद रद्द कर दे।
'खेल में हिस्सा लेने वाले एथलीट ट्रेनिंग जारी रखे'
हालांकि, पाउंड ने एथलीटों को अपनी ट्रेनिंग जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि जहां तक हम सभी जानते हैं, आप टोक्यो में खेलने जाएंगे। उन्होंने कहा कि अभ तक सभी संकेत इस ओर इशारा कर रहे हैं कि यह हमेशा की तरह समय पर होगा। इसलिए अपने खेल पर ध्यान केंद्रित रखें और निश्चिंत रहें क्योंकि आईओसी आपको एक महामारी की स्थिति में नहीं भेजेगा। मालूम हो कि आधुनिक ओलंपिक जो 1896 से शुरू हुआ वो सिर्फ एक बार युद्ध के दौरान रद्द किया गया। साल 1940 में ओलंपिक टोक्यो में होने वाले थे, लेकिन चीन-जापान युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध के कारण इन्हें रद्द कर दिया गया था। वहीं, जीका वायरस के प्रकोप के बावजूद ब्राजील में रियो गेम्स साल 2016 में निर्धारित समय पर हुए थे।
ढाई हजार से ज्यादा लोगों की गई जान
खबरों की मानें तो अबतक कोरोना वायरस के चलते अलग-अलग देशों में 2700 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। चीन में मरने वालों की तादाद 2600 से ज्यादा है। कुल पीड़ित मरीजी की संख्या 80 हजार से अधिक है। पीड़ितों में 76 हजार से ज्यादा लोग अकेल चीन में है। चीन के बाद सबसे ज्यादा कोरोना की लजह से मौतें ईरान में हुई हैं। यहां अब तक 47 लोग वायरस से पीड़ित हुए जिसमें से करीब 15 लोगों की मौत हो गई। कहा जा रहा है कि लचर स्वास्थ्य सेवाओं के चलते ईरान में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।