मोहाली: जहां फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह अपनी पत्नी निर्मल कौर और अपने बेटे जीव मिल्खा सिंह के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर 8 में अपने घर में रह रहे हैं। वहीं 90 साल के पूर्व एथलीट की दूसरी सबसे बड़ी बेटी डॉ मोना सिंह पिछले 45 दिनों से न्यूयॉर्क के मेट्रोपोलिटन अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने में व्यस्त है। अमेरिका में न्यूयॉर्क में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। वहां करीब 1 लाख 30 हजार मामले सामने आए हैं और 10,000 मौत का आंकड़ा पार कर चुका है। डॉ मोना सिंह अस्पताल के आपातकालीन विभाग में 12 घंटे की शिफ्ट कर रही हैं।
डॉ मोना सिंह ने न्यूयॉर्क से बातचीत करते हुए कहा, 'पहले कुछ मामले मार्च के बीच में आए थे, लेकिन तब ज्यादातर मामलों में संक्रमण नहीं था। आपातकालीन फिजिशियन होने के नाते सबसे पहले हमें कोरोना वायरस मरीजों का सामना करना होता है और वह तब कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सबसे पहले तो दिमाग से यह बात निकालना पड़ती है कि संक्रमित होंगे और पीपीई किट को पूरे ध्यान के साथ पहनने की आदत डालना होती है। यह काफी चुनौतीपूर्ण होता है। तीसरी और सबसे बड़ी चुनौती होती है भावुकता जहां कई युवाओं की जान इस महामारी के कारण गई। हर जिंदगी को बचाना जरूरी है, लेकिन युवाओं को मौत के घाट उतरते देख दिमाग में घाव पड़ते हैं। मगर हम डॉक्टर्स एकजुट होकर कभी अपने परिवार की बातें करते हैं तो कुछ और विचार करना शुरू करते हैं। मैं अपने परिवार वालों से बात करती हूं। मेरे पिता मिल्खा सिंह और भाई जीव मिल्खा सिंह, ये दोनों मेरा विश्वास बढ़ाते हैं।'
पटियाला से पूरी की डिग्री
मोना ने अपनी मेडिकल डिग्री पटियाला मेडिकल कॉलेज से ली। 1980 के समय में उन्होंने न्यू जर्सी के एंजेलवुड अस्पताल में इंटर्नशिप की और फिर अमेरिका शिफ्ट हो गईं। इस समय वह मेट्रोपोलिटन अस्पताल में आपातकालीन फिजिशियन के रूप में काम कर रही हैं। 111 आईसीयू बेड और 74 आने में हैं। यह न्यूयॉर्क में कोरोना वायरस के मरीजों की सुविधाओं के लिए सबसे बड़े अस्पतालों में से एक है।
मोना की मां और पूर्व भारतीय वॉलीबॉल कप्तान निर्मल कौर ने स्वीकार किया कि शुरुआत में वह थोड़ा घबराई हुई थीं। उन्होंने कहा, 'मगर मोना को अपना काम अच्छे से पता है और वह सभी चीजों का ध्यान रख रही हैं। वह उन 3-4 डॉक्टर्स में से एक है, जो कोविड-19 मरीज के आने पर उसका इलाज करती है और उन्हें जरूरी समर्थन देती है।'
निर्मल ने बताया, 'मोना चार लेयर वाला प्रोटेक्टिव सूट पहनती है, जिससे 12 घंटे की शिफ्ट के बाद उसके कंधे दुखने लगते हैं। कभी वो बहुत परेशान होती है क्योंकि इतनी मौतें देख चुकी हैं, लेकिन फिर उसे काम पर जाना होता है। हमसे बात करके उसका जोश जाग उठता है। मोना के भाई जीव भी रोजाना अपनी बहन से बात करते हैं। जीव ने कहा, 'अमेरिका में हालत खराब है। परिवार के सदस्यों की अवसाद में जाने की खबरें भी सामने आई हैं। मोना इन सभी घाव को देखते हुए अपना काम कर रही है। डॉक्टर्स भी इंसान हैं और काफी दबाव में रहते हैं। इसलिए मैंने मोना से कहा कि वह दिन में दो बार सुखमणि साहिब जीत पाठ जरूर करे।'