बर्मिंघम: भारत की स्टार वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने शनिवार को महिलाओं के 49 किग्राभार वर्ग में स्नेच, क्लीन एंड जर्क और टोटल में राष्ट्रमंडल खेलों का नया रिकॉर्ड कायम करके स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। यह भारत का बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में पहला स्वर्ण पदक है।
27 वर्षीय मीराबाई ने स्नेच राउंड में 88 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 113 किग्रा वजन उठाया। उन्होंने कुल 201 किलो भार उठाया। उनके और रजत पदक जीतने वाली फिजी की खिलाड़ी के बीच 29 किग्रा का अंतर रहा। क्लीन एंड जर्क राउंड में पहले प्रयास में ही 105 किग्रा वजन उठाकर मीरा ने अपना स्वर्ण पदक पक्का कर लिया था। लेकिन उसके बाद उन्होंने 109 और 113 किग्रा भार उठाया। 114 किग्रा भार उठाने के प्रयास में वो नाकाम रहीं लेकिन बावजूद इसके उनके चेहरे पर संतोष और स्वर्णिम मुस्कान दिखाई दे रही थी।
मीराबाई ने गोल्ड मेडल जीतने के बाद कहा, मुझे बहुत खुशी है। मैंने अपना रिकॉर्ड तोड़कर स्वर्ण पदक जीता है जिसकी मुझे बहुत खुशी है। टोक्यो ओलंपिक के बाद ये मेरी पहली बड़ी स्पर्धा है। इस बड़े इंवेट में स्वर्ण पदक जीतकर मुझे खुशी हो रही है। यह भारत के लिए इन खेलों में पहला गोल्ड भी है। इसलिए ज्यादा खुशी है।
राष्ट्रमंडल खेलों में नया रिकॉर्ड तोड़ने के बाद मीराबाई ने कहा, मैंने इसी लिहाज से तैयारी की थी। कॉमनवेल्थ गेम्स मेरे लिए थोड़े आसान होते हैं। इसलिए मैं सोचकर आई थी कि खुद से यहां लड़ूंगी। मेडल जीतने के लिए मैंने अपनी पूरी कोशिश की।
90 किग्रा स्नैच में उठान में असफल रहने के बारे में मीराबाई ने कहा, मैं स्नैच में 90 किग्रा के लक्ष्य को टच करने के लक्ष्य के साथ आई थी। आज असफल रही लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि आगे मैं उतना वजन उठाने में सफल होऊंगी। लेकिन इस प्रदर्शन से भी मैं खुश हूं। मैंने भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता है और अच्छी तरह सेलिब्रेट करूंगी।
मीराबाई ने अपना गोल्ड मेडल अपने परिवार और कोच को डेडिकेट किया है। इस बारे में उन्होंने कहा, आज यहां तक मैं पहुंची हूं उसमें परिवार को बड़ा सहयोग रहा है। उन्होंने किसी तरह की कमी नहीं रखी। कोच ने मेरा सहयोग किया है और प्रोत्साहित किया है। फेडरेशन ने भी बहुत सहयोग किया है उसी वजह से आज मैं मेडल जीतने में सफल हो रही हूं।