कोलकाता: मोहन बागान एफसी की जूनियर एकेडमी के प्रतिभाशाली फुटबॉलर दीप बाग, कोरोना वायरस महामारी के कारण फुटपाथ पर सब्जी बेचने को मजबूर हो गए हैं। उन्हें इसके लिए अपने जुनून फुटबॉल से दूरी बनानी पड़ी है। पश्चिम बंगाल के हूगली जिला में कोननगर के निवासी 20 साल के बाग, बंगाल में लॉकडाउन के कारण चार सदस्यों के अपने परिवार का समर्थन करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
दुर्गापुर मोहन बागान अंडर-19 एकेडमी में ट्रेनिंग करने वाले दीप बाग पिछले सीजन तक स्टोपर के रूप में खेलते थे। उन्हें एकेडमी में रहने के कारण 1000 रुपए भत्ते के रूप में मिलते थे। उनके स्टाइपेंड और 68 साल के पिता के वेतन के दम पर परिवार का गुजारा हो रहा था।
जैसे ही महामारी का दौर आया, बाग को खेल छोड़कर घर लौटना पड़ा। दीप के पिता रिक्शा चलाते हैं, जिनकी तबीयत लॉकडाउन के बाद बिगड़ गई। परिवार की जरूरतों को देखते हुए युवा खिलाड़ी ने फुटपाथ पर सब्जियां बेचना शुरू की। बाग ने इंडियनएक्सप्रेस डॉट कॉम से बातचीत में कहा, 'मेरे पिता लॉकडाउन के दौरान बीमार हो गए और वो रिक्शा चलाने में सक्षम नहीं है। यही वजह है कि मैंने सब्जी बेचना शुरू की। कम से कम इसकी मदद से मैं अपने परिवार को दो वक्त का भोजन खिला पा रहा हूं।'
उल्लेखनीय है कि दीप बाग उस मोहन बागान टीम का हिस्सा थे, जिसने पिछले साल ईस्ट बंगाल के खिलाफ विवादित अंडर-19 फुटबॉल लीग का फाइनल खेला था। यह मुकाबला दर्शकों के हिंसक व्यवहार के कारण रद्द कर दिया गया था। दोनों ही टीमों को संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया था। मोहन बागान के फैन ग्रुप दिल्ली मरिनर्स ने दीप बाग के लिए फंड इकट्ठा करने की मुहिम सोशल मीडिया पर चला रखी है।
दिल्ली मरिनर्स के प्रवक्ता अरिजित समांता ने कहा, 'हम एक समूह के रूप में फंड इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं और हमने रंजीत बजाज से बातचीत भी की है। उन्होंने कहा कि इस समय ट्रायल्स की गुंजाइश नहीं है, लेकिन वह किसी तरह स्टाइपेंड का जुगाड़ करने की कोशिश करेंगे। एक बार लॉकडाउन खत्म होगा तो दीप को ट्रायल दिलाने का भरोसा दिलाया गया है, ताकि वह खेल से जुड़े रहें।'
हालांकि, सभी उम्मीदें खत्म नहीं हुई हैं। दीप बाग ने कहा कि वह शाम को फुटबॉल का अभ्यास जारी रख रहे हैं। उन्होंने कहा, 'एक बार यह सब खत्म हो जाए तो मैं दोबारा पेशेवर अंदाज में फुटबॉल खेलना शुरू करूंगा। उम्मीद है कि आई-लीग में टीम का प्रतिनिधित्व करूं क्योंकि फुटबॉल ही मेरा एकमात्र सपना है।'