National Sports Day 2020: भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोविड-19 महामारी के कारण ऑनलाइन आयोजित किये गये समारोह में शानदार प्रदर्शन करने वाले देश के खिलाड़ियों को सालाना राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया जो कई शहरों से 'लॉग इन' हुए। इस साल 74 खिलाड़ियों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये चुना गया, जिसमें पांच को खेल रत्न और 27 को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। इनमें से 60 खिलाड़ियों ने भारतीय खेल प्राधिकरण के 11 केंद्रों से वर्चुअल समारोह में हिस्सा लिया।
क्रिकेटर रोहित शर्मा (खेल रत्न) और इशांत शर्मा (अर्जुन पुरस्कार) समारोह में शामिल नहीं हो सके क्योंकि वे इंडियन प्रीमियर लीग की प्रतिबद्धता के लिये संयुक्त अरब अमीरात में हैं जबकि स्टार पहलवान विनेश फोगाट (खेल रत्न) और बैडमिंटन खिलाड़ी सत्विकसाइराज रंकीरेड्डी (अर्जुन पुरस्कार) को कोविड-19 पॉजिटिव पाये जाने के बाद समारोह से हटना पड़ा।
रोहित और विनेश के अलावा तीन अन्य खेल रत्न पुरस्कार टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा, पैरालंपिक स्वर्ण पदकधारी मरियप्पन थंगावेलू और महिला हॉकी कप्तान रानी रामपाल को दिये गये जिन्होंने समारोह में हिस्सा लिया। मनिका ने पुणे से जबकि थंगावेलू और रानी ने भारतीय खेल प्राधिकरण के बंगलुरू केंद्र से 'लॉग इन' किया। राष्ट्रपति कोविंद ने भाग लेने वाले पुरस्कार विजेताओं की प्रशंसा की जिनके नाम पुकारे गये और उनकी उपलब्धियों बतायी गयीं। हालांकि राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल की कमी महसूस हुई, जहां यह समारोह आयोजित किया जाता है।
खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने समारोह शुरू होने से पहले कहा, 'कोविड-19 के दौरान यह पहला पुरस्कार समारोह है, जिसमें राष्ट्रपति उपस्थित हुए हैं।' इस साल खिलाड़ियों के नकद पुरस्कारों में बढ़ोतरी की गयी है। आज सुबह खेल रत्न की पुरस्कार राशि को 25 लाख रुपए तक बढ़ा दिया गया जो पहले 7.5 लाख रुपए थी। अर्जुन पुरस्कार हासिल करने के लिये समारोह में 22 खिलाड़ी ऑनलाइन हुए, उन्हें 15 लाख रुपए दिये गये जो राशि पहले की तुलना में 10 लाख रुपए अधिक है।
द्रोणाचार्य (आजीवन) पुरस्कारों की राशि पहले पांच लाख हुआ करती थी जिसे 15 लाख रुपए कर दिया है। वहीं नियमित द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं को 10 लाख रुपए प्रदान किये गये जो पहले पांच लाख रुपए होती थी। ध्यानचंद्र पुरस्कार विजेताओं को पांच लाख के बजाय 10 लाख रुपए दिये गये। कोविड-19 के कड़े प्रोटोकॉल के कारण पुरस्कार के 44 साल के इतिहास में पहली बार हुआ जब विजेता, मेहमान और गणमान्य लोग दरबार हॉल में इकट्ठा नहीं हो सके।
इस साल अर्जुन पुरस्कार हासिल करने वालों में स्टार धाविका दुती चंद, महिला क्रिकेटर दीप्ति शर्मा, गोल्फर अदिति अशोक और पुरूष हॉकी टीम स्ट्राइकर आकाशदीप सिंह शामिल थे। द्रोणाचार्य लाइफटाइम पुरस्कार आठ कोचों को दिया गया जिसमें तीरंदाजी कोच धर्मेंद तिवारी, नरेश कुमार (टेनिस), शिव सिंह (मुक्केबाजी) और रमेश पठानिया (हॉकी) शामिल हैं। नियमित वर्ग में हॉकी कोच ज्यूड फेलिक्स और निशानेबाजी कोच जसपाल राणा सहित पांच को द्रोणाचार्य पुरस्कार से नवाजा गया। शुक्रवार को एक दुखद घटना हुई जब द्रोणाचार्य (आजीवन) विजेता एथलेटिक्स कोच पुरूषोत्तम राय का दिल का दौरा पड़ने से बेंगलुरू में निधन हो गया।
इस साल ध्यानचंद पुरस्कार 15 कोचों को दिया गया है जिसमें सुखविदंर सिंह संधू (फुटबॉल), तृप्ति मुर्गुंडे (बैडमिंटन) और नंदन बाल (टेनिस) शामिल हैं।
गोल्फर अदिति अशोक और पूर्व फुटबॉलर सुखविंदर सिंह संधू इसमें हिस्सा नहीं ले सके क्योंकि वे देश से बाहर हैं। केंद्रों पर स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधित सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया। बल्कि पुरस्कार विजेता पीपीई किट पहने दिखे। खेल मंत्रालय के निर्देशानुसार प्रत्येक पुरस्कार विजेता को केंद्र में आने से पहले कोविड-19 जांच से गुजरना था।
2012 में केंद्र सरकार ने 29 अगस्त को खेल दिवस में मनाने का फैसला किया था। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का इसी दिन जन्मदिन होता है। 29 अगस्त 1905 में ध्यानचंद का जन्म इलाहाबाद में हुआ था। 1928 में एम्सटर्डम में हुए ओलिंपिक गेम्स में वह भारत की ओर से सबसे ज्यादा गोल (14 गोल) करने वाले खिलाड़ी थे। 1932 के ओलिंपिक फाइनल में भारत ने अमेरिका को 24-1 से हराया था। उस मैच में ध्यानचंद ने 8 गोल किए थे। उनके भाई रूप सिंह ने भी 10 गोल किए थे।
बी- नियमित वर्ग
पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़
लक्ष्य संस्थान