नयी दिल्ली: भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन (52 किग्रा), मनीषा (57 किग्रा) और परवीन (63 किग्रा) ने इस्तांबुल में आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में शानदार लय जारी रखते हुए सोमवार को अपने-अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में जीत दर्ज करने के साथ पदक पक्के किये। पांच भारतीय मुक्केबाजों को हालांकि अंतिम आठ मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। नीतू (48 किग्रा), अनुभवी पूजा रानी (81 किग्रा), अनामिका (50 किग्रा), जैस्मीन (60 किग्रा) और नंदिनी (81 किग्रा से अधिक) का सफर हालांकि क्वार्टर फाइनल में हार के साथ खत्म हो गया।
एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता निकहत ने इंग्लैंड की चार्ली-सियान डेविसन को 5-0 से हराया। युवा मुक्केबाज परवीन ने ताजिकिस्तान की शोइरा ज़ुल्केनारोवा को इसी अंतर से पटखनी दी। दूसरी ओर, मनीषा ने मंगोलिया की नामुन मोनखोर को कड़े मुकाबले में 4-1 के खंडित फैसले से मात दी
प्रतिष्ठित 'स्ट्रैंड्जा मेमोरियल' टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली निकहत ने अपनी शानदार लय को जारी रखते हुए क्वार्टर फाइनल में डेविसन के आक्रामक खेल का जवाब उन्हीं की शैली में दिया। पहले दौर में दोनों मुक्केबाजों ने एक दूसरे पर जमकर हमला बोला।
निकहत ने हालांकि दूसरे दौर में अपना दबदबा बनाया और प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज के शरीर पर सटीक पंच जड़े। शुरुआती दो दौर में बढ़त कायम करने के बाद निकहत ने तीसरे दौर में रक्षात्मक खेल का सहारा लिया और एकतरफा जीत दर्ज की। तेलंगाना की इस 25 साल की मुक्केबाज ने इस जीत के बाद कहा, 'मेरी आज की प्रतिद्वंद्वी मुझसे लंबी थी, इसलिए मेरी रणनीति उसके दाहिने हाथ को अवरुद्ध करने की थी जो कि उसकी ताकत है। भारत के लिए पहला पदक पक्का करने की खुशी है। उम्मीद है कि मैं स्वर्ण जीत सकती हूं।'
पूर्व जूनियर विश्व चैंपियन का अगला मुकाबला ब्राजील की कैरोलिन डी अल्मेडा से होगा, जिन्होंने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता आयरलैंड की कार्ली मैकनैल को सर्वसम्मत निर्णय से हराया था। 24 वर्षीया मनीषा ने अपनी लंबाई का अच्छा इस्तेमाल किया और तीन सटीक पंच लगाये। मनीषा का अगला मुकाबला इटली की इरमा टेस्टा से होगा।
परवीन ने अपने मुकाबले में धीमी शुरुआत की, लेकिन कोच भास्कर भट्ट और सहयोगी सदस्यों की हौसला अफजाई से उन्होंने आक्रमण करना शुरू किया और आत्मविश्वास हासिल करते हुए यादगार जीत दर्ज की।