पैरालंपिक पदक विजेता समेत 6 खिलाड़ियों को नहीं मिला फ्रांस का वीजा, पैरा निशानेबाजी विश्व कप से चूके

स्पोर्ट्स
आईएएनएस
Updated Jun 04, 2022 | 14:52 IST

Para Shooting World Cup 2022: भारतीय पैरा निशानेबाजी दल के छह सदस्यों को फ्रांस का वीजा नहीं मिल सका, जिसके चलते वो पैरा निशानेबाजी विश्व कप में हिस्सा लेने से चूक गए।

Para Shooting World Cup 2022
सिंहराज अधाना  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • पैरा निशानेबाजी विश्व कप 2022
  • विश्व कप का आयोजन फ्रांस में होगा
  • निशानेबाजी दल के सदस्यों को वीजा नहीं

नई दिल्ली: पैरालंपिक में दोहरे पदक विजेता सिंहराज अधाना समेत भारतीय पैरा निशानेबाजी दल के छह सदस्यों को भारत सरकार के दखल के बावजूद वीजा नहीं मिलने से वे फ्रांस में पैरा निशानेबाजी विश्व कप में भाग नहीं ले सकेंगे। टोक्यो पैरालंपिक की स्वर्ण पदक विजेता अवनि लेखरा के ट्वीट करने के बाद यह मामला प्रकाश में आया। उन्होंने अपनी मां श्वेता जेवारिया और कोच राकेश मनपत को वीजा नहीं मिलने पर मदद की मांग की थी।

हवाई अड्डे से पीटीआई से बातचीत में मुख्य राष्ट्रीय कोच और भारतीय पैरा निशानेबाजी के चेयरमैन जय प्रकाश नौटियाल ने कहा कि लेखरा और उनके कोच को वीजा मिल गया है। उन्होंने कहा, 'अवनि और उसके कोच को वीजा मिल गया है लेकिन उसकी एस्कॉर्ट जो उसकी मां भी है, उन्हें वीजा नहीं मिल सका।' उन्होंने कहा ,'इसके अलावा तीन पैरा निशानेबाजों सिंहराज, राहुल झाखड़ और दीपिंदर सिंह (सभी पैरा पिस्टल निशानेबाज) और दो कोच सुभाष राणा (राष्ट्रीय कोच) और विवेक सैनी (सहायक कोच) को वीजा नहीं मिला।'

उन्होंने कहा, 'फ्रेंच दूतावास ने कोई कारण नहीं बताया। उन्होंने इतना ही कहा कि वीजा की भारी मांग है। हमने 23 अप्रैल को वीजा के लिये आवेदन किया था। विदेश मंत्रालय ने भी दखल देकर हमारी मदद की कोशिश की लेकिन छह सदस्यों को वीजा नहीं मिल सका।' टूर्नामेंट चार से 13 जून तक होना है और इससे पेरिस पैरालंपिक के कोटा भी मिलेंगे।

नौटियाल ने कहा , 'हम अब 22 सदस्यों के साथ जा रहे हैं जिनमें 14 निशानेबाज हैं। हमें उम्मीद थी कि सभी को वीजा मिल जायेगा क्योंकि अगले पैरालंपिक पेरिस में होने हैं और इस टूर्नामेंट से उसके 18 कोटे तय होंगे।' भारतीय खेल प्राधिकरण ने अवनि के ट्वीट पर जवाबी ट्वीट में कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारतीय पैरा निशानेबाजों को वीजा नहीं मिल सके। खेल मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने काफी प्रयास किये लेकिन कामयाबी नहीं मिली।'

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