आजाद भारत को पहला ओलंपिक गोल्ड दिलाने वाले खिलाड़ी ने ली अंतिम सांस, पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

PM Narendra Modi pays Tribute to Balbir Singh Senior: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन बार के ओलंपिक स्वर्णपदक विजेता हॉकी खिलाड़ी ने निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

PM MODi balveer singh
PM MODi balveer singh  
मुख्य बातें
  • 96 साल की उम्र में बलवीर सिंह सीनियर का चंडीदढ़ में हुआ निधन
  • तीन ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले दिग्गज खिलाड़ी को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
  • पीएम मे कहा उन्होंने देश को दिए कई गौरव के पल, नि:संदेह थे बेहतरीन हॉकी खिलाड़ी

चंड़ीगढ़: 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजादी मिली थी। इसके बाद 1948 में लंदन में आयोजित ओलंपिक खेलों में ओलंपिक इतिहास में आजाद भारत के लिए पहला पदक पुरुष हॉकी टीम ने जीता था। भारत की इस स्वर्णिम सफलता के साक्षी रहे भारत के दिग्गज हॉकी खिलाड़ी बलवीर सिंह सीनियर का सोमवार को चंड़ीगढ़ में निधन हो गया। वो 96 वर्ष के थे। पिछले दो सप्ताह से वो अस्पताल में भर्ती थे और उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। लेकिन सोमवार सुबर उन्होंने अपने जीवन की अंतिम सांस ली।

उनके निधन की खहबर पाकर पूरा खेल जगह उनके देहांत की खबर से शोक में डूब गया। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी बलवीर सिंह को निधन के बाद श्रद्धांजलि दी और ट्वीट करके परिवार और करीबियों के प्रति संवेदना व्यक्त की। 

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, पद्मश्री श्री बलबीर सिंह जी को उनके यादगार प्रदर्शन के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने देश को बहुत से गौरव के पल दिए। नि:संदेह वो एक शानदार हॉकी खिलाड़ी थे और उन्होंने एक मार्गदर्शक के रूप में भी अपनी छाप छोड़ी। उनके देहांत से मुझे दुख पहुंचा है। मेरी ओर से उनके परिवार और हितचंतकों के प्रति संवेदना। 

जीते तीन ओलंपिक गोल्ड
बलवीर सिंह ने ओलंपिक खेलों में तीन स्वर्ण पदक हासिल किए थे। वो साल 1948(लंदन), 1952( हेलंसिकी) और 1956(मेलबर्न) में ओलंपिक गोल्ड जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सदस्य रहे थे। उन्होंने भारत के लिए 61 मैच खेले और इस दौरान 246 गोल किए। भारत ने 1956 में उनकी कप्तानी में मेलबर्न ओलंपिक के फाइनल में पाकिस्तान को 1-0 से मात देकर तीसरा स्वर्ण पदक जीता था। 

68 साल से बलवीर सिंह के नाम दर्ज है ओलंपिक रिकॉर्ड
बलवीर सिंह सीनियर के नाम पिछले 68 साल से ओलंपिक खेलों का एक रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने हेलंसिकी ओलंपिक के फाइनल में भारत की नीदरलैंड के खिलाफ 6- के अंतर से जीत में अहम भूमिका अदा की थी। इस मैच में उन्होंने भारत के छह में से पांच गोल अकेले ही किए थे। ये ओलंपिक हॉकी फाइनल में तब से आज तक किसी एक खिलाड़ी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। उनके इस रिकॉर्ड के करीब कोई खिलाड़ी आज तक नहीं पहुंच सका है। 


 

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