'पदक जीतकर आओगे तो सिनेमा ही देखोगे क्या': कॉमनवेल्थ गेम्स के खिलाड़ियों से पीएम मोदी ने पूछे कई रोचक सवाल

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भाषा
Updated Jul 20, 2022 | 14:19 IST

PM Modi asks interesting questions to Indian athletes bound for CWG 2022: पीएम नरेंद्र मोदी ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए जाने वाले भारतीय एथलीटों से संवाद के दौरान कई दिलचस्प सवाल पूछे।

pm narendra modi with CWG athletes
pm narendra modi with CWG athletes  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • कॉमनवेल्थ गेम्स 2022
  • पीएम मोदी का भारतीय खिलाड़ियों के साथ संवाद
  • प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से दिलचस्प सवाल पूछे

'तुम्हारा नाम डेविड बैकहम है तो कभी फुटबॉल खेलने का विचार आया या नहीं । सिनेमा के शौकीन हो तो पदक जीतने पर फिल्में ही देखोगे क्या। स्टीपलचेस खेलने और सेना में रहते सियाचीन में नियुक्ति का कोई संबंध है क्या।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने जा रहे भारतीय खिलाड़ियों से बुधवार को वर्चुअल बातचीत में उनके अनुभवों और जीवन को लेकर कई रोचक सवाल पूछे।

उन्होंने महाराष्ट्र के बीड जिले के स्टीपलचेस खिलाड़ी अविनाश साबले से कहा, ‘‘आप सेना में हैं और आपकी पोस्टिंग सियाचीन में हो चुकी है तो सियाचीन और स्टीपलचेस का कोई संबंध है क्या । नीरज चोपड़ा की तरह आपने वजन कैसे कम किया।’’ इस पर साबले ने कहा ,‘‘ सेना में बहुत कड़ी ट्रेनिंग होती है और उसमें बाधायें पार करना भी सिखाया जाता है । वहीं से नींव मजबूत हुई । चार साल सेना की ड्यूटी में बहुत कुछ सीखने को मिला । वजन कम करने में भी इसी ट्रेनिंग ने मदद की।’’

अंडमान निकोबार के साइकिलिस्ट डेविड बैकहम से उन्होंने पूछा ,‘‘आपका नाम तो एक बहुत बड़े फुटबॉलर के नाम पर है तो आपने फुटबॉल खेलने की कभी नहीं सोची । आपकी टीम में एक और खिलाड़़ी का नाम फुटबॉल खिलाड़ी के नाम पर है तो आप दोनों फुटबॉल भी खेलते हो क्या।’’ खेलो इंडिया खेल में स्वर्ण पदक जीत चुके बैकहम ने कहा ,‘‘ अंडमान में फुटबॉल की उतनी सुविधायें नही थी तो मैने साइकिलिंग में कैरियर बनाया । आपने मन की बात कार्यक्रम में मेरा जिक्र किया तो मुझे बहुत अच्छा लगा कि अंडमान जैसी जगह से निकलकर मैं राष्ट्रीय टीम में आया हूं।’’

डेढ़ साल की उम्र में सुनामी में अपने पिता को खोने वाले बैकहम से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ,‘‘ आपके साथ आपके परिवार को भी प्रणाम है जिसने इतनी विषमताओं में भी आपको प्रेरित किया।’’ उन्होंने पश्चिम बंगाल के भारोत्तोलक अचिंत शिउले की मां और भाई की भी सराहना करते हुए कहा ,‘‘ एक खिलाड़ी के साथ पूरा परिवार तपस्या करता है और उनके जज्बे को प्रणाम है । मां को तो चिंता रहती ही होगी कि बेटा ऐसे खेल में है कि कहीं चोट वगैरह न लग जाये ।’’

सिनेमा के शौकीन अचिंत से उन्होंने कहा ,‘‘ट्रेनिंग में सिनेमा देखने का समय तो मिलता नहीं होगा तो क्या पदक लेकर आओगे तो फिल्मे ही देखोगे।’’
बैडमिंटन खिलाड़ी त्रिसा जॉली से उन्होंने गायत्री गोपीचंद से कोर्ट पर तालमेल और उसके बाहर गहरी दोस्ती के बारे में पूछा । गायत्री राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद की बेटी और त्रिसा की जोड़ीदार हैं।

उन्होंने यह भी कहा ,‘‘ आप दोनों खेलों के बाद किस तरह से सेलिब्रेट करेंगी । पी वी सिंधू तो ओलंपिक के बाद आइसक्रीम खाना चाहती थी ।’’ तोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य सलीमा टेटे से उन्होंने उनके संघर्षों और तोक्यो ओलंपिक के अनुभव के बारे में पूछा । उन्होंने भारतीय महिला और पुरूष हॉकी टीमों को शुभकामनायें भी दी।

हरियाणा की पैरा एथलीट शॉटपुट खिलाड़ी शर्मिला की कहानी सुनकर प्रधानमंत्री मोदी भावुक भी हुए। बेहद गरीब परिवार में जन्मी शर्मिला का कम उम्र में ब्याह हो गया था और ससुराल में उन पर और उनकी दो बेटियों पर काफी अत्याचार हुए । इतने विषम हालात में शर्मिला ने 34 वर्ष की उम्र में खेल में पदार्पण किया और दो साल में स्वर्ण पदक भी जीता।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ,‘‘ आपने साबित कर दिया कि जीत का जज्बा हो तो कोई चुनौती मुश्किल नहीं । आपकी बेटियां भी आपकी तरह खेलों में नाम रोशन करें । उन्हें मेरा आशीर्वाद है ।’’ शर्मिला की बड़ी बेटी भालाफेंक और छोटी टेबल टेनिस खेलती है।

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