अपनी उपलब्धि से ज्यादा उत्साहित नहीं हैं कार्लसन को हराने वाले प्रज्ञानानंदा

स्पोर्ट्स
भाषा
Updated May 28, 2022 | 06:47 IST

भारत के युवा शंतरज खलाड़ी प्रज्ञानानंदा अपनी हालिया बड़ी उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं हैं।

Praggnanandhaa
प्रज्ञानानंदा 

चेन्नई: भारतीय युवा शतरंज खिलाड़ी रमेशबाबू प्रज्ञानानंदा ने हाल में भले ही सर्वश्रेष्ठ नतीजे हासिल किये हों जिसमें विश्व चैम्पियन मैग्नस कार्लसन के खिलाफ दो बार उलटफेर भरी जीत भी शामिल है लेकिन 16 साल का यह खिलाड़ी इससे ज्यादा उत्साहित नहीं है।

चेसेबल मास्टर्स में किया शानदार प्रदर्शन
मास्टर्स टूर्नामेंट में कार्लसन और लेवोन अरोनियन को हराकर उलटफेर करने के बाद प्रज्ञानानंदा ने चेसेबल मास्टर्स में शानदार प्रदर्शन किया और दूसरे स्थान पर रहे। सेमीफाइनल में उन्होंने दुनिया के नौंवे नंबर के खिलाड़ी अनीश गिरी को हराया लेकिन वह फाइनल में दुनिया के दूसरे नंबर के चीन के डिंग लिरेन से हारकर दूसरे स्थान पर रहे।

उपलब्धियों का जश्न मनाने की नहीं कर रहे कोशिश
चेन्नई के इस युवा ने वर्चुअल मीडिया कांफ्रेंस में कहा, 'मैं इसका जश्न मनाने की कोशिश बिलकुल नहीं कर रहा। उन सभी खिलाड़ियों ने जो हासिल किया है, उसकी तुलना में यह कुछ भी नहीं है। यह निश्चित रूप से बड़ी चीज है लेकिन यह ऐसी चीज नहीं है जो इन सभी ने हासिल नहीं की हो।'

उन्होंने कहा, 'इन तीनों खिलाड़ियों को हराना मुश्किल है। ये सभी मजबूत है, इन्हें हराना आसान नहीं हैं। लेकिन इन तीनों के खिलाफ खेलने में मजा आता है, मुझे शीर्ष खिलाड़ियों के खिलाफ खेलना अच्छा लगता है। यह मजेदार होता है।'
 

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