भारत ने चीन में आयोजित होने वाले विंटर ओलंपिक गेम्स की ओपनिंग और क्लोसिंग सेरेमनी का विरोध करने का फैसला किया है। गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमला करने वाली सैन्य कमान का हिस्सा रहे पीएलए सैनिक को चीन द्वारा बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक का मशाल धारक चुनने की वजह से भारत ने ये फैसला किया है। वहीं अब अमेरिका ने भी चीन की आलोचना की है। लेकिन दूसरी तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ओपनिंग सेरेमनी में हिस्सा लेने के लिए चीन जाने का फैसला किया है।
चीन की तरफ से पाकिस्तानी पीएम को न्योता भेजा गया था जिसे स्वीकार कर लिया गया है। इमरान खान एक शीर्ष स्तरीय डेलीगेशन के साथ चीन जाएंगे। चीन के दौरे पर इमरान खान सिर्फ विंटर गेम्स की सेरेमनी में हिस्सा नहीं लेंगे, बल्कि दोनों देशों के प्रमुख द्विपक्षीय बातचीत भी करने जा रहे हैं। इमरान खान के इस चीन दौरे में दोनों देशों के बीच कई करार भी होने की बात कही जा रही है।
अमेरिका भी हुआ नाराज
उधर, अमेरिका के एक शीर्ष सांसद ने भी पीएलए सैनिक को मशाल धारक बनाने के फैसले को ‘शर्मनाक’ करार दिया है। अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की ताकतवर समिति के रैंकिंग सदस्य रिपब्लिकन सीनेटर जिम रिस्च ने साथ ही कहा कि अमेरिका भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा।
जिम ने ट्वीट किया, ‘‘यह शर्मनाक है कि बीजिंग ने ओलंपिक 2022 मशाल धारक ऐसे व्यक्ति को चुना जो उस सैन्य कमान का हिस्सा था जिसने 2020 में भारत पर हमला किया था और उइगर मुस्लिमों का नरसंहार कर रहे हैं। अमेरिका उइगर स्वतंत्रता और भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा।’’
चीन ने बुधवार को की फाबाओ को खेलों की मशाल रिले में मशाल धारक के रूप में पेश किया था। पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के रेजीमेंटल कमांडर फाबाओ जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में घायल हो गए थे। सार्वजनिक समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार फाबाओ ने विंटर ओलंपिक पार्क में वैंग मेंग से मशाल ही जो चीन की चार बार की ओलंपिक शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग चैंपियन हैं।