बासेल: विश्व चैम्पियन पीवी सिंधू को स्विस ओपन के फाइनल में रविवार को यहां ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता कैरोलिना मारिन ने एकतरफा मुकाबले में शिकस्त दी। 25 साल की भारतीय खिलाड़ी के पास मारिन की फुर्ती और सटीक खेल का कोई जवाब नहीं था। स्पेन की इस खिलाड़ी ने सिंधू को सिर्फ 35 मिनट में 21-12, 21-5 से मात दी। दूसरी वरीयता प्राप्त सिंधू की यह मारिन के खिलाफ लगातार तीसरी हार है।
मारिन ने इससे पहले थाईलैंड में आयोजित दोनों सुपर 1000 स्पर्धा का खिताब अपने नाम किया था। वह एचएसबीसी बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स में उपविजेता रही थी। इस जीत से विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर काबिज मारिन ने साल का अपना तीसरा खिताब उठाया। विश्व रैंकिंग में सातवें पायदान पर काबिज सिंधू पिछले 18 महीने में अपना पहला फाइनल मुकाबला खेल रही थी। इस मैच से पहले विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी के खिलाफ 13 मैचों में उन्होंने पांच में जीत दर्ज की थी।
सिंधू ने पिछले चार मैचों में एक भी गेम नहीं गंवाया था, लेकिन वह मारिन के खिलाफ दबाव में इस लय को बरकरार नहीं रख सकी। मारिन ने रियो ओलंपिक (2016) के फाइनल में भी सिंधू को हराया था। मारिन ने यहां 2-0 की बढ़त के शुरूआत की लेकिन सिंधू ने वापसी करते हुए अपनी बढ़त को 6-4 कर लिया। पूरे मुकाबले में यही एक समय था जब सिंधू के पास बढ़त थी।
सिंधू के शॉट पर शटल कई बार नेट से टकराई जिससे मारिन को गेम में वापसी का मौका मिला और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। सिंधू ने इस दौरान कुछ असहज गल्तियां कर दी जिससे मारिन की बढ़त 9-6 और फिर 11-8 हो गई। उन्होंने इसके बाद अपनी खेल की गति बढ़ा दी, जिसका सिंधू के पास कोई जवाब नहीं था। मारिन ने 21-12 के बड़े अंतर से पहले गेम को अपने नाम किया।
मारिन इस लय को दूसरे गेम में भी बरकरार रखने में सफल रही जिसकी शुरुआत उन्होंने 5-0 की बढ़त से की लेकिन नेट पर हुई गलती के बाद सिंधू को सर्विस करने का मौका मिला। वह इसका फायदा उठाने में नकाम रही। मारिन जब 8-2 से आगे थी तब सिंधू ने अपने रैकेट को बदला लेकिन इससे भी उनकी किस्मत नहीं बदली और इंटरवल तक वह 2-11 से पीछे हो गयी।
स्पेन की इस अनुभवी खिलाड़ी ने अपना दबदबा कायम रखते हुए स्कोर को 18-3 किया और फिर 20-5 करने के बाद क्रास-कोर्ट शॉट लगाकर मैच अपने नाम कर लिया। पिछले कुछ महीने से लंदन में अभ्यास कर रही सिंधू ने कोविड-19 दौर में लंबे समय तक खेल से दूर रहने के बाद इस साल जनवरी में प्रतिस्पर्धी बैडमिंटन में वापसी की।
वह योनेक्स थाईलैंड ओपन के पहले दौर में हार कर बाहर हो गयी थी जबकि टोयोटा थाईलैंड ओपन के क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी। सिंधू इसके बाद विश्व टूर फाइनल में ग्रुप चरण के तीन में से दो मैचों में हारकर नॉकआउट दौर में जगह बनाने में नाकाम रहीं थी। सिंधू अब 17 से 21 मार्च तक 8,50,000 डॉलर इनामी ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में प्रतिस्पर्धा करेंगी।