नई दिल्ली: पहलवान से मिश्रित मार्शल आर्ट (एमएमए) फाइटर बनी भारत की रितु फोगाट ने शुक्रवार को सिंगापुर में अपना लगातार तीसरा एमएमए चैंपियनशिप खिताब जीता। 26 साल की भारतीय खिलाड़ी ने तकनीकी नॉकआउट के आधार पर कंबोडिया की नाउ स्रे पोव को दूसरे दौर में ही हरा दिया। रितु ने एमएमए चैंपियनशिप में अपना रिकॉर्ड 3-0 से बेहतर किया जबकि नाउ स्रे पोव का स्कोर 1-2 हो गया है। रेफरी ने तीन राउंड के कॉन्टेस्ट में दूसरे राउंड में दो मिनट और दो सेकंड पर खेल रोक दिया।
रितु ने विज्ञप्ति में कहा, 'इस जीत के साथ एमएमए करियर में हैट्रिक के साथ मैं काफी रोमांचित महसूस कर रही हूं। महामारी के दौरान जिन कठिनाई और चुनौतियों का सामना मैंने किया, उसका फल मिला। एमएमए की दुनिया में भारत को नई ऊंचाई पर पहुंचाकर मुझे बहुत शानदार महसूस हो रहा है और मैं इससे ज्यादा गर्व नहीं कर सकती।'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं अपने परिवार, दोस्तों और देश में फैंस की आभारी हूं, जिन्होंने मेरे प्रदर्शन की परवाह किए बगैर मेरा समर्थन दिया। आखिर में, मैं अपने कोच का भी धन्यवाद अदा करना चाहती हूं, जिन्होंने मेरी यात्रा में अहम भूमिका निभाई।'
2 मई 1994 को हरियाणा के बलाली में रितु फोगाट का जन्म हुआ था। वह पूर्व पहलवान महावीर सिंह फोगाट की तीसरे नंबर की बेटी हैं। रितु ने महज 8 साल की उम्र से रेसलिंग की ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। रितु ने रेसलिंग में अपना करियर बनाने के लिए 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। ध्यान हो कि रितु फोगाट ने 2016 कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में 48 किग्रा वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था।