लंदन: कोरोना वायरस ने तकरीबन पूरी दुनिया में कहर बरपाया हुआ है। शुरुआत में तो इस वायरस ने सिर्फ खेल जगत पर टूर्नामेंट रद्द या स्थगित होने तक का असर ही डाला था, लेकिन अब ये वायरस टीमें, खिलाड़ियों व सपोर्ट स्टाफ तक पहुंच चुका है। आए दिन यूरोपीय फुटबॉल जगत से कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं और मंगलवार को इंग्लिश प्रीमियर लीग टीमों के छह सदस्य कोरोना से संक्रमित पाए गए।
प्रीमियर लीग क्लबों के अभ्यास पर लौटने के बाद कोरोना वायरस के लिये परीक्षण किया गया था जिसके नतीजों ने होश उड़ा दिए हैं। प्रीमियर लीग ने मंगलवार को बयान में कहा, ‘प्रीमियर लीग आज पुष्टि करता है कि 17 मई रविवार और 18 मई सोमवार को 748 खिलाड़ियों और क्लब स्टाफ का कोविड-19 के लिये परीक्षण किया गया। इनमें से तीन क्लबों के छह लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है।’
अब भी नहीं बदल रहा रवैया
एक तरफ जहां वायरस एक के बाद एक, तमाम दिग्गज फुटबॉल टीमों पर वार कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के बजाय फुटबॉल क्लब व खिलाड़ी मैदान पर उतरने को बेताब हैं। कई टीमों के खिलाड़ी इंग्लैंड में अभ्यास करने मैदानों पर उतर चुके हैं।
सिर्फ फुटबॉल ही नहीं क्रिकेट भी..
इंग्लैंड में सिर्फ फुटबॉल ही नहीं बल्कि क्रिकेट की बहाली की भी तैयारी चल रही है। ओल्ड ट्रैफर्ड क्रिकेट मैदान कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए लागू किये गये लॉकडाउन के बाद खेल शुरू होने पर प्रशंसकों को स्टेडियम में लाने की योजना बना रहा है। लंकाशर क्रिकेट क्लब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेनियल गिडने का मानना है कि 26,000 दर्शकों की क्षमता वाले इस स्टेडियम में कम से कम 2000 दर्शकों को आने की अनुमति दी जा सकती है।
अब तक कोरोना वायरस ने युनाइटेड किंगडम में हर दिन कहर बरपाया है और ये सिलसिला लगातार जारी है। अब तक यूके में तकरीबन ढाई लाख लोग कोरोना से संक्रमित पाए जा चुके हैं जबकि जान गंवाने वालों का आंकड़ा 35 हजार के करीब है। ऐसी स्थिति में जब व्यवस्थाएं और सख्त कर देनी चाहिए, वहीं ब्रिटेन में सरकार रियायतें देने में व्यस्त है ताकि अर्थव्यवस्था पीछे ना छूट जाए।