नई दिल्ली: भारतीय महिला हॉकी टीम की डिफेंडर सुनीता लाकड़ा ने गुरुवार को घुटने की चोट के कारण अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास की घोषणा की। वह 2018 के एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थीं। उन्होंने कहा कि उन्हें चोट के कारण दोबारा घुटने की सर्जरी करानी पड़ेगी। इस तरह 28 साल की खिलाड़ी का टोक्यो ओलंपिक के लिये भारतीय टीम में जगह बनाने का सपना टूट गया।
हॉकी इंडिया द्वारा जारी बयान के अनुसार उन्होंने कहा, 'आज मेरे लिये बहुत भावुक दिन है क्योंकि मैंने अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लेने का फैसला किया है।' सुनीता ने 2008 से टीम से जुड़ने के बाद 2018 की एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान भारत की कप्तानी की, जिसमें टीम दूसरे स्थान पर रही थी। उन्होंने भारत के लिये 139 मैच खेले और वह 2014 के एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता टीम का भी हिस्सा रहीं।
उन्होंने कहा, 'मैं भाग्यशाली रही कि 2016 में रियो ओलंपिक में खेल सकी, जिसमें तीन दशक में पहली बार भारतीय महिला टीम ने शिरकत की। लेकिन घुटने की चोटों ने टोक्यो ओलंपिक के लिये भारतीय टीम का हिस्सा बनने का मेरा सपना तोड़ दिया। डॉक्टरों ने मुझे कहा कि मुझे इसके लिये आगामी दिनों में एक और सर्जरी करानी होगी। मुझे नहीं पता कि पूरी तरह उबरने में कितना समय लगेगा।'
उन्होंने कहा कि सर्जरी से उबरने के बाद वह घरेलू हॉकी में खेलना जारी रखेंगी। उन्होंने कहा, 'मेरे उपचार के बाद मैं घरेलू हॉकी खेलूंगी। नाल्को के लिये खेलूंगी, जिन्होंने नौकरी देकर मेरे करियर में बहुत मदद की।' सुनीता ने परिवार के साथ टीम के साथियों, हॉकी इंडिया और मुख्य कोच शोर्ड मारिने का शुक्रिया अदा किया। भारतीय कप्तान रानी रामपाल ने कहा कि सुनीता लाकड़ा की काफी कमी खलेगी।
उन्होंने ट्वीट किया, 'सुनीता लाकड़ा शानदार करियर के लिये बधाई। मैदान पर और ड्रेसिंग रूम में एक दशक से ज्यादा समय में हमने तुम्हारे साथ जो बेहतरीन पल साझा किये हैं, उनकी कमी निश्चित रूप से खलेगी। जल्द ही आपके उबरने की प्रार्थना करती हूं, भविष्य के लिये शुभकामनायें।'