नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने ओलंपिक में देश को पदक दिलाने वाले पहलवान सुशील कुमार को छत्रसाल स्टेडियम में एक अन्य पहलवान की हत्या के मामले में छह दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने का फैसला दिया। पुलिस ने अदालत के अंदर सुशील से पूछताछ की और फिर 12 दिनों की हिरासत में लेने की मांग की। डेप्यूटी मेट्रोपोलिटियन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने सुशील और सह आरोपी अजय को छह दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा।
अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए और उन्होंने कुछ सीसीटीवी फुटेज, हत्या के लिए कथित रूप से इस्तेमाल किए गए हथियार और मोबाइल फोन पेश किए। सुशील कुमार इस मामले में नाम आने के बाद से ही फरार चल रहे थे। पुलिस के अनुसार सुशील और उनके सहयोगियों ने चार मई की रात को छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर धनकड़ और उनके दो दोस्त सोनू तथा अमित कुमार पर कथित रूप से हमला किया था, जिसके बाद गंभीर रूप से चोटिल होने के कारण सागर की मौत हो गई थी।
पुलिस ने इस मामले में सुशील से गहन पूछताछ के लिए 12 दिनों की हिरासत की मांग की थी। हालांकि, अदालत ने सुशील को छह दिनों की रिमांड पर भेजने का फैसला सुनाया। पुलिस ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में सुशील की अंतरिम जमानत की याचिका को चुनौती दी थी, जिसमें पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दावा किया गया कि सागर की मौत डंडे की पिटाई के कारण हुई।
ओलंपिक में दो बार पदक जीत चुके पहलवान सुशील कुमार की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ जहां वह हत्या के एक मामले में आरोपी होने के नाते पुलिस हिरासत में हैं वहीं दिल्ली सरकार ने उनका डेप्यूटेशन बढ़ाने की मांग खारिज कर दी है। दिल्ली सरकार ने उनका आवेदन खारिज कर उत्तर रेलवे विभाग को भेज दिया है जहां वह कार्यरत हैं। सुशील दिल्ली सरकार में 2015 से प्रतिनियुक्ति पर थे और उनका कार्यकाल 2020 तक बढ़ा दिया गया था, लेकिन वह इसे 2021 में भी बढ़वाना चाहते थे।