बर्मिंघम: भारत की जुडोका एल सुशीला देवी ने महिलाओं के 48 किग्रा वर्ग के फाइनल में प्रवेश करके देश के लिए मेडल पक्का कर दिया है। सुशीला देवी ने कॉमनवेल्थ गेम्स में सोमवार को मॉरिशस की प्रिसकिला मोरांड को मात देकर फाइनल में जगह बनाई। मणिपुर की 27 साल की जुडोका ने मोरांड को 'इप्पों' के साथ शिकस्त दी और दक्षिण अफ्रीका की मिकेला व्हाइटबूई के साथ फाइनल मुकाबला तय किया।
इप्पों ऐसा दांव है, जहां प्रतियोगी अपने विरोधी को मैट पर दम और गति के साथ गिराता है ताकि विरोधी अपनी पीठ के बल पर गिरे। इप्पों तब भी दिया जाता है जब प्रतियोगी अपने विराधी को पकड़कर नीचे 20 सेकेंड तक गिराए रखे या फिर विरोधी हार मान ले। मणिपुर पुलिस के साथ सब-इंस्पेक्टर सुशीला ने दिन की शुरूआत में मालावी की हैरियत बोनफेस को मात देकर क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की की थी।
वहीं पुरुषों के 60 किग्रा रेपचेज में विजय कुमार ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल मैच के लिए जगह पक्की की। विजय ने स्कॉटलैंड के डायलन मुनरो पर वाजा अरी के जरिये जीत दर्ज की। वाजा अरी तब दिया जाता है जब खिलाड़ी अपने विरोधी को नियंत्रण और सटीकता के साथ गिराए, लेकिन वह इप्पों जितना गतिशील नहीं होता। 2018 और 2019 में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप्स जीतने वाले 26 साल के विजय कुमार को क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के जोशुआ काट्ज से शिकस्त मिली थी।
विजय ने फिर रेपचेज में सुधार किया और ब्रॉन्ज मेडल मैच तक प्रगति की। ब्रॉन्ज मेडल मैच में विजय का सामना साइप्रस के पेट्रोस क्रिस्टोडुलिड्स से होगा। जसलीन सिंह सैनी भी ब्रॉन्ज मेडल मैच के लिए लड़ेंगे। उन्हें पुरुषों के 66 किग्रा सेमीफाइनल में स्कॉटलैंड के फिनले एलन से शिकस्त मिली थी। भारत ने 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल जीते थे, जो जुडो स्पर्धा में उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है।