न्यूयॉर्क: डब्ल्यूडब्ल्यूई के सबसे प्रतिष्ठित किरदार रहे द अंडरटेकर ने खुलासा किया है कि वह रेसलिंग से किस अंदाज में विदाई लेना चाहते हैं। जी हां, दर्शकों के चहेते सुपरस्टार ने कहा कि उनका संन्यास लेने का समय करीब आ रहा है। द अंडरटेकर का किरदार निभाने वाले मार्क कैलावे की उम्र अब 55 वर्ष हो चुकी है। प्रो रेसलिंग में उनका करियर तीन दशक से ज्यादा का रहा है। यह जाहिर बात है कि डब्ल्यूडब्ल्यूई लीजेंड संन्यास के बारे में सोचेंगे क्योंकि कुछ सालों से उनकी शारीरिक स्थिति पर भी सवाल खड़े किए गए हैं।
लगा ले लिया संन्यास
कई लोगों का मानना था द अंडरटेकर ने रेसलमेनिया 33 के बाद संन्यास ले लिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि रोमन रेंस से मुकाबला हारने के बाद अंडरटेकर ने अपनी टोपी और कोट रिंग में छोड़ दिया था। मगर इस बात को तीन साल हो गए हैं। अंडरटेकर अब भी साल के कई बड़े पीपीवी इवेंट्स की शान रहते हैं। कैलावे ने हाल ही में 'अंडरटेकर: द लास्ट राइड' में खुलासा किया था कि उस मैच में वह अपने प्रदर्शन से खासे निराश थे और यही वजह रही कि उन्होंने रेसलिंग करना जारी रखी। अब उन्होंने बताया कि द डेडमैन का संन्यास किस तरह रेसलिंग से होना चाहिए।
कैलावे ने कहा, 'जब आप पुराने अंडरटेकर के बारे में सोचते हो, तो वो ऐसा किरदार नहीं, जो रिंग में आकर बोले- मेरे साथ 30 साल रहने के लिए धन्यवाद। यह शानदार करियर रहा है। मैं लोगों को धन्यवाद देना चाहूंगा। अगर मैं अपने किरदार के साथ ईमानदार रहूं तो यह तरीका सही नहीं होगा। मेरा करियर शानदार रहा है। मैं भाग्यशाली हूं कि इस तरह का करियर रहा। जब मैं इस बिजनेस में आया तो लोगों की उम्मीदों पर खरा उतर सका।'
अंडरटेकर ने कहा, 'मुझे जॉन एल्वे जैसा अंत चाहिए। आपको पता है? जॉन एल्वे का अंत। जब वह बाहर गए तो कुछ सुपर बाउल्स जीते और फिर संन्यास लिया। या फिर पेटन मैनिंग, उन्होंने सुपर बाउल जीतने के बाद संन्यास लिया। जब मैं इन्हें देखता हूं, मैं वैसा मैच चाहता हूं। मेरे पास टैंक में गेस होगी। मैं उसे नीचे गिराउंगा और फिर पैदल चले जाउंगा।'
आपको मानना होगा कि जब तक सही पल नहीं आता, तब तक अंडरटेकर संन्यास नहीं लेंगे। पिछले कुछ समय में द अंडरटेकर को कुछ अच्छे मुकाबले खेलने को नहीं मिले और इससे उन्हें काफी धक्का भी पहुंचा कि कंपनी का उनके प्रति बर्ताव अच्छा नहीं रहा। वैसे, हमें यह तो नहीं पता कि अंडरटेकर का आखिरी मैच कब होगा। मगर एक बात तो तय है- जब वो पल आएगा तो डब्ल्यूडब्ल्यूई इतिहास का सबसे आइकॉनिक पल होगा।