TOKYO OLYMPICS: भारतीय पुरुष हॉकी टीम का कमाल, शानदार जीत के साथ QUARTER FINAL में पहुंची

स्पोर्ट्स
भाषा
Updated Jul 29, 2021 | 08:18 IST

India in Tokyo Olympics: टोक्यो ओलंपिक में गुरुवार का दिन भारत के लिए शानदार रहा। जहां पीवी सिंधु ने शानदार जीत हासिल की वहीं हॉकी टीम ने मौजूदा चैंपियन अर्जेंटीना को शिकस्त देकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई।

Tokyo Olympics 2021 men's hockey team beat Argentina and enter quarterfinals
भारतीय हॉकी टीम क्वार्टर फाइनल में, मौजूदा चैंपियन को हराया  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • Tokyo Olympics में भारतीय हॉकी टीम का दमदार प्रर्दशन
  • मौजूदा चैम्पियन अर्जेंटीना को हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंची पुरुषों की हॉकी टीम

टोक्यो: आखिरी तीन मिनट में दो गोल करने वाली भारतीय टीम ने रियो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अर्जेंटीना को 3 . 1 से हराकर तोक्यो ओलंपिक की पुरूष हॉकी स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया। पिछले मैच में स्पेन को हराने के बाद भारतीय टीम ने लगातार अच्छा प्रदर्शन जारी रखते हुए यह महत्वपूर्ण मुकाबला जीता । अपना पहला ओलंपिक खेल रही भारत की ‘युवा ब्रिगेड’ ने इस जीत में सूत्रधार की भूमिका निभाई और भारत को हॉकी में चार दशक बाद ओलंपिक पदक जीतने के और करीब पहुंचा दिया।

इन तीन खिलाड़ियों ने दागे गोल
भारत के लिये वरूण कुमार ने 43वें, विवेक सागर प्रसाद ने 58वें और हरमनप्रीत सिंह ने 59वें मिनट में गोल दागे। अर्जेंटीना ने 48वें मिनट में माइको केसेला के गोल के दम पर बराबरी की और 58वें मिनट तक स्कोर बराबर था। इसके बाद भारत ने तीन मिनट के अंतराल में दो गोल दागकर साबित कर दिया कि यह टीम निर्णायक मौकों पर दबाव के आगे घुटने टेकने वाली नहीं है। भारत पूल ए में आस्ट्रेलिया के बाद दूसरे स्थान पर चल रहा है। भारत को अब 30 जुलाई को आखिरी पूल मैच में मेजबान जापान से खेलना है।

ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली थी हार
न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-2 की संघर्षपूर्ण जीत के बाद भारतीयों को आस्ट्रेलिया के हाथों 1-7 की करारी हार का सामना करना पड़ा था । मनप्रीत सिंह की टीम हालांकि स्पेन पर 3-0 की जीत से वापसी करने में सफल रही। भारत के आठ ओलंपिक स्वर्ण पदकों में से आखिरी पदक 1980 में मास्को ओलंपिक में आया था। पहले हाफ में एक भी पेनल्टी कॉर्नर लेने में नाकाम रही भारतीय टीम को तीसरे क्वार्टर में सात पेनल्टी कॉर्नर मिले जिनमें दो बार रूपिंदर, तीन बार हरमनप्रीत सिंह और एक बार सुमित नाकाम रहे । भारत के लिये पहला गोल 43वें मिनट में वरूण ने पेनल्टी कॉर्नर पर ही किया। भारत ने वीडियो रेफरल पर यह कॉर्नर अर्जित किया और अपना पहला ओलंपिक खेल रहे वरूण ने गोल करने में चूक नहीं की।

गोलकीपर श्रीजेश का शानदार प्रदर्शन
भारत की यह बढत हालांकि ज्यादा देर बरकरार नहीं रही और चौथे क्वार्टर के तीसरे ही मिनट में अर्जेंटीना को मिले पहले पेनल्टी कॉर्नर पर माइको केसेला ने बराबरी का गोल दाग दिया। अर्जेंटीना को 51वें मिनट में फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन भारत के रिव्यू लेने पर नीदरलैंड के वीडियो अंपायर वान बंजी सियोन ने इसे खारिज कर दिया। तेज हमले करते हुए अर्जेंटीना ने दो मिनट बाद फिर पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन भारतीय गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने मुस्तैदी से इसे बचा लिया।

आखिरी मिनटों में मिला फायदा
भारत को आखिरी मिनटों में जमकर हमले बोलने का फायदा 57वें मिनट में शानदार फील्ड गोल के जरिये मिला । दिलप्रीत सिंह ने करीब से विवेक को गेंद सौंपी और उन्होंने निशाना लगाया। गेंद अर्जेंटीना के गोलकीपर की स्टिक से टकराकर भीतर चली गई। विवेक का भी यह पहला ओलंपिक और पहला ओलंपिक गोल था। इसके दो मिनट भारत भारत को मिले आठवें पेनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत ने ड्रैग फ्लिक के जरिये गोल किया। इससे पहले शुरूआती क्वार्टर में भारत ने आक्रामक शुरूआत की और मनदीप सिंह को दूसरे ही मिनट में सर्कल के ठीक बाहर अच्छा पास मिला लेकिन वह गोल नहीं कर सके। इसके दो मिनट बाद दिलप्रीत सिंह गोल करने के करीब पहुंचे लेकिन उनके करीबी शॉट को अर्जेंटीना के अनुभवी गोलकीपर जुआन मैनुअल विवाल्डी ने बचा लिया।

पहुंची क्वार्टर फाइनल में
भारत ने पहले क्वार्टर में सात बार अर्जेंटीना के सर्कल में प्रवेश किया लेकिन अच्छे मूव को फिनिशिंग तक नहीं ले जा सके। पहले क्वार्टर के आखिरी मिनट में भारत को फिर मौका मिला जब अर्जेंटीना ने मिडफील्ड में गेंद पर नियंत्रण खो दिया और गुरजंत गेंद छीनकर डी की तरफ ले गए। उन्होंने सिमरनजीत सिंह को गेंद सौंपी जो अर्जेंटीनाई डिफेंडरों को चकमा नहीं दे पाये। दूसरे क्वार्टर में दूसरे ही मिनट में अर्जेंटीना को मौका मिला जब सर्कल के  भीतर लुकास रोस्सी ने थॉमस हबीफ को पास दिया लेकिन भारतीय डिफेंडरों ने मुस्तैदी दिखाते हुए गेंद को बाहर कर दिया। भारत को 29वें मिनट में गोल करने का एक और मौका मिला लेकिन शमशेर सिंह के लंबे पास पर सर्कल के भीतर गेंद पाने के बावजूद मनदीप गेंद को गोल के भीतर नहीं डाल सके।
 

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