Tokyo Paralympics: भारत के दो बैडमिंटन खिलाड़‍ियों से गोल्‍ड की उम्‍मीद, ब्रॉन्‍ज के लिए खेलेंगे तरुण

Pramod Bhagat in finals of Tokyo Paralympics: भारत के शटलर प्रमोद भगत बैडमिंटन की पुरुष सिंगल्‍स एसएल-3 स्‍पर्धा के फाइनल में पहुंच गए हैं। सेमीफाइनल में भगत ने जापान के शटलर को हराया।

pramod bhagat
प्रमोद भगत 
मुख्य बातें
  • भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत ने फाइनल में प्रवेश किया
  • प्रमोद भगत ने सेमीफाइनल में जापान के डी फुजिहारा को सीधे सेटों में मात दी
  • प्रमोद भगत की कोशिश गोल्‍ड मेडल जीतने की होगी

टोक्‍यो: भारत के पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत ने शनिवार को देश को गोल्‍ड मेडल की उम्‍मीद दिलाई है। भगत ने पुरुष सिंगल्‍स एसएल-3 स्‍पर्धा के फाइनल में प्रवेश किया। उन्‍होंने जापान के बैडमिंटन खिलाड़ी डी फुजिहारा को सीधे सेटों में मात दी। प्रमोद ने 21-11, 21-16 से मैच अपने नाम किया। इसके साथ ही प्रमोद का कम से कम सिल्‍वर मेडल पक्‍का हो ही गया है। हालांकि, फैंस उम्‍मीद कर रहे हैं कि प्रमोद सेमीफाइनल की तरह अपना दमदार प्रदर्शन फाइनल में भी जारी रखे और गोल्‍ड मेडल जीते।

भारतीय शटलर सुहास यतीराज ने पुरुषों के सिंगल्‍स एसएल4 फाइनल में प्रवेश कर लिया है। वहीं साथी भारतीय शटलर तरुण ढिल्‍लन ब्रॉन्‍ज मेडल के लिए खेलेंगे। सुहास ने सेमीफाइनल में इंडोनेशिया के सेतियावान फ्रेडी को सीधे सेटों में 21-9, 21-15 से मात दी। सुहास ने कम से कम एसएल4 वर्ग में कम से कम सिल्‍वर मेडल पक्‍का कर लिया है।

तरुण को काफी संघर्ष के बाद लुकास मजुर के हाथों शिकस्‍त झेलनी पड़ी। तरुण को लुकास मजुर के हाथों 16-21, 21-16, 21-18 से शिकस्‍त मिली। 

इस साल पैरालम्पिक में पहली बार बैडमिंटन खेला जा रहा है। लिहाजा स्वर्ण पदक के मुकाबले में पहुंचने वाले भगत पहले भारतीय हो गए। उनका सामना ब्रिटेन के डेनियल बेथेल से होगा। एसएल4 क्लास में नोएडा के जिलाधिकारी सुहास ने इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को 31 मिनट में 21-9, 21-15 से हराया। अब उनका सामना शीर्ष वरीयता प्राप्त फ्रांस के लुकास माजूर से होगा।

इस क्लासीफिकेशन में आधा कोर्ट की इस्तेमाल होता है तो भगत और फुजीहारा ने लंबी रेलियां लगाई। शुरूआत में भगत 2-4 से पीछे थे, लेकिन ब्रेक तक 11-8 से बढत बना ली। उसके बाद इस लय को कायम रखते हुए लगातार छह अंक के साथ पहला गेम जीता। दूसरे गेम में उन्होंने विरोधी को कोई मौका ही नहीं दिया। भगत और पलक कोहली मिश्रित युगल एसएल3-एसयू5 सेमीफाइनल भी खेलेंगे।

मैच के बाद भगत ने कहा, 'यह शानदार मैच था। उसने मुझे कुछ अच्छे शॉट्स लगाने के लिये प्रेरित किया। मुझे फाइनल में पहुंचने की खुशी है लेकिन काम अभी पूरा नहीं हुआ है।' पांच वर्ष की उम्र में पोलियो के कारण उनका बायां पैर विकृत हो गया था। उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप में चार स्वर्ण समेत 45 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं। बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप में पिछले आठ साल में उन्होंने दो स्वर्ण और एक रजत जीते। 2018 पैरा एशियाई खेलों में उन्होंने एक रजत और एक कांस्य जीता।

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