भारतीय अंडर-17 महिला फुटबॉल टीम के साथ जुड़े सहायक कोच को यूरोप के मौजूदा ट्रेनिंग दौरे पर एक नाबालिग खिलाड़ी से कथित ‘दुर्व्यवहार’ के आरोप में निलंबित किया गया है और नॉर्वे से वापस बुलाया गया है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) को इस घटना की जानकारी दी है।
सीओए के बयान के अनुसार, ‘‘अंडर-17 महिला टीम में दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है, टीम अभी यूरोप के अनुभव दौरे पर है। अनुशासनहीनता के मामले में एआईएफएफ की शून्य सहिष्णुता की नीति है। शुरुआती कार्रवाई के तहत महासंघ ने आगे की जांच लंबित रहने तक संबंधित व्यक्ति को अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया है।’’
इसमे कहा गया, ‘‘एआईएफएफ ने संबंधित व्यक्ति को टीम के साथ सभी तरह का संपर्क रोकने और भारत तुरंत वापस लौटने को कहा है। उसे स्वदेश लौटने पर आगे की जांच के लिए निजी रूप से पेश होने को कहा गया है।’’ फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप की तैयारी के लिए टीम अभी यूरोप दौरे पर है। विश्व कप का आयोजन भारत में 11 से 30 अक्टूबर तक किया जाएगा।
सीओए ने इस मामले में शामिल व्यक्ति के नाम का खुलासा नहीं किया है लेकिन सूत्रों ने दावा किया है कि वह टीम के सहायक कोच एलेक्स एंब्रोस है जिन्होंने नाबालिग खिलाड़ी को ‘अनुचित’ काम में शामिल होने के लिए बाध्य किया। सूत्र के अनुसार मुख्य कोच थॉमस डेनर्बी स्वयं इस ‘घटना’ के गवाह थे और उन्होंने तुरंत एआईएफएफ को सूचित किया।
सूत्र ने कहा, ‘‘डेनर्बी के यूरोप से रिपोर्ट भेजने के बाद सीओए ने तुरंत कार्रवाई की और साइ को सूचित किया। दोषी को बिना समय बर्बाद किए वापस बुला लिया गया। एम्ब्रोस को आपराधिक आरोपों का भी सामना करना होगा क्योंकि लड़की नाबालिग है। ’’ पिछले कुछ समय में भारतीय खेलों में यौन उत्पीड़न के मामले सामने आए हैं। हाल में एक महिला साइकिलिस्ट ने राष्ट्रीय कोच पर स्लोविनया के ट्रेनिंग दौरे के दौरान अनुचित बर्ताव का आरोप लगाया था। कोच को बर्खास्त किया गया और वह विस्तृत जांच का सामना कर रहा है।
महिला सेलर (नौकायन खिलाड़ी) ने भी विदेशी दौरे के दौरान अपने साथ गए कोच पर उन्हें असहज करने के आरोप लगाए। इस बीच सदस्य संघों ने सीओए और एआईएफएफ प्रशासन से इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए एंब्रोस पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग भी की है। बयान में कहा गया ,‘‘ राज्य संघ चाहते हैं कि कोच के खिलाफ न सिर्फ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाये बल्कि उनका कोचिंग लाइसेंस रद्द करके फुटबॉल से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया जाये।’’