विनेश फोगाट ने विश्व चैंपियनशिप के लिए ट्रायल बीच में छोड़ा, बोलीं- शरीर पहले जैसा नहीं, मुझे चक्कर आ रहे थे

स्पोर्ट्स
भाषा
Updated Aug 31, 2021 | 20:15 IST

Wrestling World Championships trials: पहलवान विनेश फोगाट ने विश्व चैंपियनशिप के लिए ट्रायल बीच में छोड़ दिया। विनेश ने कहा कि उनका शरीर पहले जैसा नहीं है और उन्हें मुझे चक्कर आ रहे थे।

Vinesh Phogat
विनेश फोगाट  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • कुश्ती विश्व चैंपियनशिप ट्रायल
  • जूनियर पहलवानों ने बाजी मारी
  • विनेश फोगाट ने ट्रायल छोड़ृा

नई दिल्ली: विनेश फोगाट की मुश्किलें थमती नजर नहीं आ रही जिन्होंने कुश्ती विश्व चैंपियनशिप के लिये ट्रायल बीच में ही छोड़ दिया जबकि उनकी चचेरी बहन संगीता (62 किलो) ने तीन साल बाद शानदार वापसी करते हुए भारतीय टीम में जगह बनाई। इस महीने की शुरूआत में अनुशासनात्मक कारणों से भारतीय कुश्ती महासंघ का निलंबन झेलने वाली विनेश को बाद में चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था। ट्रायल में सभी की नजरें उन पर थी लेकिन वह शुरू ही से कमजोर नजर आई।

विनेश पहले मुकाबले में फॉर्म में नहीं दिखीं

भारत की सबसे कामयाब महिला पहलवान विनेश ने 55 किलोवर्ग के पहले मुकाबले में अंजू को 10-5 से हराया लेकिन वह फॉर्म में नहीं दिखीं। इसके बाद पिंकी के खिलाफ वह मैट पर उतरी ही नहीं जिससे दो से 10 अक्टूबर तक होने वाली चैंपियनशिप में पिंकी को टीम में जगह मिली। विनेश ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि मुझे क्या हो गया है। चोट नहीं है लेकिन मुझे चक्कर आ रहे थे। मेरा शरीर पहले जैसा नहीं है। मैं डॉक्टर को दिखा रही हूं। शायद कोरोना संक्रमण का शरीर पर असर हुआ है।'

संगीता दो आपरेशन के बाद मैट पर उतरीं

विनेश ने पहले भी कहा था कि टोक्यो ओलंपिक क्वार्टर फाइनल में उन्हें कुछ सूझ नहीं पड़ रहा था। वह मुस्कुरा रही थी लेकिन अपनी निराशा छिपा नहीं सकी। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया की पत्नी संगीता घुटने के दो आपरेशन के बाद मैट पर उतरीं और शानदार जीत दर्ज की। उन्होंने जूनियर विश्व चैंपियनशिप रजत पदक विजेता संजू देवी को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हराया और फिर मनीषा को 9-5 से मात दी। मुकाबले के दौरान बजरंग कोच कॉर्नर पर खड़े थे।

टबजरंग प्रेरित करने के साथ सलाह देते रहते हैं'

संगीता घुटने के आपरेशन के कारण 2018 विश्व चैंपियनशिप नहीं खेल सकी थीं। फिर 2019 में उनके बायें घुटने का भी आपरेशन हुआ। संगीता ने कहा, 'मेरे पिता (महावीर फोगाट) ने मुझे कुश्ती सिखाई और अब बजरंग प्रेरित करने के साथ सलाह देते रहते हैं।' इसी 62 किलो वर्ग में रियो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक को मनीषा ने हरा दिया। जूनियर पहलवानों का प्रदर्शन काबिले तारीफ रहा। शुभम कौशिक ने सीनियर राष्ट्रीय चैंपियन पंकज को 8-3 से हराने के बाद रेलवे के अरूण को 57 किलो ट्रायल में 8-4 से मात दी।

यश तुषिर ने अमित धनकड़ को 74 किलो फाइनल में हराया। वहीं गौरव बालियान ने नरसिंह यादव को मात दी। पृथ्वीराज पाटिल ने 92 किलो और अनिरूद्ध गुलिया ने 125 किलो में क्वालीफाई किया। रविंदर दहिया (61 किलो), रोहित (65 किलो), सुशील (70 किलो), संदीप मान (86 किलो) और सत्यव्रत कादियान (97 किलो) भी जीत गए। महिला वर्ग में अंशु मलिक ने 57 किलोवर्ग में मानसी और ललिता को हराकर टीम में जगह बनाई।

इन खिलाड़ियों ने भारतीय टीम में जगह बनाई

सरिता मोर (59 किलो) , दिव्या ककरान (72 किलो), हैनी (50 किलो), पूजा जाट (53 किलो), भटेरी (65 किलो) , रितु मलिक (68 किलो) और किरण (76 किलो) ने भी क्वालीफाई कर लिया। ग्रीको रोमन वर्ग में संदीप (55 किलो), ज्ञानेंदर (60 किलो), गौरव दुहान (67 किलो), साजन (77 किलो), सुनील कुमार (87 किलो), रवि (97 किलो) और नवीन कुमार (130 किलो) ने भारतीय टीम में जगह बनाई। डब्ल्यूएफआई ने चार वर्गों (पुरूषों की फ्रीस्टाइल 92 किलो, ग्रीको रोमन 63 किलो और 82 किलो और महिलाओं के 76 किलोवर्ग) में ट्रायल फिर से कराने का फैसला किया क्योकि इन वर्गों में एक एक पहलवान ही पहुंचे थे।

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