भारत ने रविवार को टोक्यो पैरालंपिक में तीसरा मेडल अपने नाम कर लिया है। विनोद कुमार ने डिस्कस थ्रो में शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज पर कब्जा जमाया। उन्होंने एफ52 कैटेगरी में 19.91 मीटर का थ्रो कर तीसरा स्थान हासिल किया। 41 वर्षीय विनोद ने अपने पांचवें प्रयास में सर्वश्रेष्ठ 19.91 मीटर का थ्रो किया। उन्होंने साथ ही एशियाई रिकॉर्ड तोड़ दिया। वह पोलैंड के पियोट्र कोसेविज (20.02 मीटर) और क्रोएशिया के वेलिमीर सैंडोर (19.98 मीटर) से पीछे रहे। कोसेविज ने गोल्ड और सैंडोर ने सिल्वर मेडल अपने नाम किए।
चोटी से गिर गए थे विनोद कुमार
विनोद के पिता 1971 भारत-पाक युद्ध में लड़े थे। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में जुड़ने के बाद ट्रेनिंग करते हुए वह लेह में एक चोटी से गिर गए थे जिससे उनके पैर में चोट लगी थी। इसके कारण वह करीब एक दशक तक बिस्तर पर रहे थे और इसी दौरान उनके माता-पिता दोनों का देहांत हो गया था। एफ52 स्पर्धा में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनकी मांसपेशियों की क्षमता कमजोर होती है, हाथों में विकार होता है या पैर की लंबाई में अंतर होता है जिससे खिलाड़ी बैठकर प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेते हैं। रीढ़ की हड्डी में चोट वाले या ऐसे खिलाड़ी जिनका कोई अंग कटा हो, वे भी इसी वर्ग में हिस्सा लेते हैं।
राष्ट्रीय खेल दिवस पर मेडल की 'हैट्रिक
भारत में रविवार को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जा रहा है। राष्ट्रीय खेल दिवस हार साल 29 अगस्त को हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर भारत ने अपने मेडल की 'हैट्रिक' पूरी की यानी तीन मेडल जीते। विनोद से पहले आज ही पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल ने महिला एकल क्लास 4 इवेंट में सिल्वर हासिल किया। यह मौजूदा पैरालंपिक भारत को पहला पदक है। भाविनाबेन को फाइनल में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की झाउ यिंग के खिलाफ 0-3 से शिकस्त मिली। उनके अलावा निषाद कुमार ने पुरुष ऊंची कूद टी47 इवेंट में रजत जीता।