भारत की मूक-बधिर शतरंज खिलाड़ी मलिका हांडा ने पंजाब सरकार पर वादे से मुकरने का आरोप लगया है। उन्होंने एक वीडियो में बताया कि राज्य सरकार ने नौकरी और इनाम देने का वादा किया था पर कई साल गुजरने के बावजूद उस बात पर अमल नहीं किया गया। मलिका ने कहा कि खेल मंत्री परगट सिंह से मुलाकात की थी लेकिन उन्होंने पल्ला झाड़ लिया। बता दें कि मलिका ने शतरंज में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने सात मर्तबा राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती है। साथ ह उन्होंने अंतरराष्ठ्रीय चैंपियनशिप में भी झंडे गाड़े हैं।
'बधिर खेलों के लिए कोई नीति नहीं'
मलिका ने ट्विटर पर लिखा, 'मैं बहुत आहत हूं। मैंने 31 दिसंबर को मैं पंजाब के खेल मंत्री से मुलाकात की। मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार नौकरी और नकद पुरस्कार नहीं दे सकती, क्योंकि बधिर खेलों के लिए कोई नीति नहीं है। पूर्व खेल मंत्री ने नकद इनाम की घोषणा की थी। मेरे पास निमंत्रण पत्र भी है, जिसमें मुझे आमंत्रित किया गया था लेकिन कोरोना के कारण कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। यह बात जब मैंने खेल मंत्री परगट सिंह से कही तो उन्होंने बोला कि वादा पूर्व मंत्री ने किया था मैंने नहीं। सरकार कुछ नहीं कर सकती।'
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'मेरे पांच साल बर्बाद क्यों किए'
मलिका ने पंजाब सरकार पर उनके पांच साल बर्बाद करने का आरोप लगया है। मलिका ने कहा, 'मैं केवल यह पूछना चाहती हूं कि नौकीर और इनाम की घोषणा क्यों की गई थी। कांग्रेस सरकार ने मेरे पांच बर्बाद कर दिए। वे मुझे बेवकूफ बनाते रहे। बधिर खिलाड़ियों के खेल की परवाह नहीं की। जिला कांग्रेस ने भी मुझे सपोर्ट करने की बात कही पर पांच साल में कुछ भी नहीं हुआ। पंजाब सरकार ऐसा क्यों कर रही है?' गौरतलब है कि शतरंज खिलाड़ी मलिका पहले भी सरकार के सामने गुहार लगा चुकी हैं।