बर्मिंघम: भारत के 19 वर्षीय युवा वेटलिफ्टर जेरमी लालरिनुंगा ने रविवार को 22वें राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुषों की 67 किग्रा वर्ग स्पर्धा में कुल 300 किग्रा वजन उठाकर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में वो भारत के लिए मीराबाई चानू के बाद दूसरा स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी बनें। वो इन खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष हैं।
बचपन में पिता की तरह बनना चाहते थे बॉक्सर
26 अक्टूबर 2002 को मिजोरम के आइजोल में जन्में जेरमी लालरिनुंगा को खेल पारिवारिक विरासत में मिले। उनके पिता राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सर थे और जूनियर नेशनल चैंपियन भी रहे थे। बचपन में पिता के साथ वो अभ्यास के लिए जाते और यहां से धीरे-धीरे उनकी बॉक्सिंग में रुचि हुई और उनके पदचिन्हों पर चलते हुए उन्होंने बचपन में ही बॉक्सिंग में शुरुआत कर दी थी।
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गांव में वेटलिफ्टिंग अकादमी खुलने के बाद बड़ा रुझान
साल 2011 में वेटलिफ्टिंग में जेरमी के सफर की शुरुआत हुई। गांव में वेटलिफ्टिंग एकेडमी खुलने के बाद उनका रुझान इस खेल में बढ़ा। अपने दोस्त को वेटलिफ्टिंग करता देखकर उन्हें महसूस हुआ कि यह खेल मजबूती वाला है मुझे इसमें हाथ आजमाना चाहिए। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कुछ सालों में ही उन्होंने वेटलिफ्टिंग में बड़ा मुकाम हासिल कर लिया।
13 साल की उम्र में वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में जीता सिल्वर
जेरमी ने वेटलिफ्टिंग को बड़ी गंभीरता से लिया। उन्होंने साल 2016 में महज 13 साल की उम्र में वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में 56 किग्रा भारवर्ग में रजत पदक जीता। इसके एक साल बाद वो इसी स्पर्धा में रजत पदक जीतने में सफल हुए। साल 2018 में एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक जीता।
यूथ ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय
साल 2018 में महज 15 साल की उम्र में जेरमी ब्यूनेस आयर्स में आयोजित यूथ ओलंपिक में गोल्ड मेडल अपने नाम किया और वो यूथ ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। महज 15 साल की उम्र में उन्होंने कुल 274 किलो वजन उठाकर ये उपलब्धि हासिल की थी। स्नेच में उन्होंने 124 और क्लीन एंड जर्क राउंड में 150 किलो वजन उठाया था।