टोक्यो: भारत की नंबर एक महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी ने बुधवार को 2020 टोक्यो ओलंपिक के टेस्ट इवेंट के दौरान सिल्वर मेडल अपने नाम किया। फाइनल में उन्हें 18 वर्ष की कोरियाई तीरंदाज के सामने सीधे सेटों में हार का सामना करना पड़ा। क्वलीफिकेशन दौर में चौथे स्थान पर रही दीपिका के लिए दूसरी वरीयता प्राप्त कोरियाई तीरंदाज के खिलाफ कठिनाई पेश आई और 0-6 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
हाल की में जर्मनी के बर्लिन में आयोजित विश्व के चौथे दौर में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली सैन ने पहले सेट में दीपिका को एक अंक के अंतर से पछाड़ा। इसके बाद कोरियाई खिलाड़ी ने दूसरे सेट में 29-25 के अंतर से मात दी। इसके बाद लगातार तीन तीर सटीक निशाने पर लगाकर उन्होंने स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।
भारतीय महिला टीम अबतक अगले साल होने वाले ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी है लेकिन दीपिका ने कहा कि इस इवेंट के अनुभव का उन्हें फायदा मिलेगा। यह जून 2018 में साल्ट लेक सिटी में आयोजित विश्व कप के तीसरे चरण के बाद दीपिका पहली बार किसी तीरंदाजी स्पर्धा के फाइनल में जगह बना पाने में सफल हुई थीं। इस स्पर्धा का रजत पदक जीतने से निश्चित तौर पर भारतीय तीरंदाजी के महिला दल के आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होगी जो कि ओलंपिक कोटा हासिल करने से चूक गया।
इससे पहले सेमीफाइनल मुकाबले में दीपिका ने चीन की आठवीं वरीयता प्राप्त तीरंदाज को 6-0 के अंतर से मात देकर फाइनल में एंट्री की थी। लेकिन दीपिका ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन क्वार्टर फाइनल में इटली की तातियाना एंड्रिओली के खिलाफ किया। दीपिका ने 0-4 से शुरुआत में पिछड़ने के बाद 6-5 के अंतर से टाइब्रेकर में जीत हासिल करने में सफल रहीं।
दीपिका ने पहले दौर में हांगकांग की ली सुक क्वान को 6-0 से मात दी थी। इसके बाद दूसरे दौर में उन्होंने यूक्रेन की एनास्तासिया पेवलोवा को 6-4 के अंतर से मात दी। वहीं तीसरे दौर में वह जापान की सोनाडा वाका को 6-0 के अंतर से हराने में सफल रहीं।
बोंबायला देवी हारीं
लेशराम बोंबायला देवी को दूसरे दौर में ही मलेशिया की नूर अलिया गपार मे 5-6 के अंतर से मात दी। टाई ब्रेकर तक गए मुकाबले में हार जीत का फैसला इस आधार पर हुआ कि किस खिलाड़ी का तीर बुल्स आई के ज्यादा करीब है।