लंदन: उत्तरी आयरलैंड की महिला टीम के कोच केनी शील्स को यह कहने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है कि लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ कम समय में कई गोल होने की संभावना अधिक होती है क्योंकि वे पुरुषों से अधिक भावुक होती है। उत्तरी आयरलैंड की टीम को मंगलवार को इंग्लैंड के खिलाफ 5-0 से शिकस्त का सामना करना पड़ा जिससे उसकी अगले साल होने वाले महिला विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने की उम्मीदें टूट गई जिसके बाद शील्स ने यह टिप्पणी की।
'गोल होता है तो वे उबर नहीं पातीं'
छब्बीसवें मिनट में पहला गोल गंवाने के बाद उत्तरी आयरलैंड के खिलाफ दूसरे हाफ में 27 मिनट के भीतर चार और गोल हुए। शुक्रवार को आस्ट्रिया के खिलाफ भी शील्स की टीम ने नौ मिनट में तीन गोल खाए थे। शील्स ने कहा, 'महिला मुकाबलों में मुझे यकीन है कि आपने देखा होगा कि जब एक टीम गोल खाती है तो काफी कम समय में उसके खिलाफ दूसरा गोल भी होता है।' उन्होंने कहा, 'महिलाओं के मुकाबलों में ऐसा होता है क्योंकि लड़कियां और महिलाएं पुरुषों से अधिक भावुक होती हैं। इसलिए जब उनके खिलाफ गोल होता है तो वे इससे अच्छी तरह उबर नहीं पातीं।'
वर्ष 2019 से टीम को कोचिंग दे रहे शील्स ने कहा कि ऐसी स्थिति में दूसरा गोल ‘भावनात्मक गोल’ होता है। शील्स को हालांकि इस बयान के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा रहा है। इंग्लैंड और आर्सेनल के पूर्व स्ट्राइकर इयान राइट ने कहा कि शील्ड बेवकूफाना बातें कर रहे हैं। राइट ने ट्विटर पर लिखा, 'महिलाओं के भावुक होने की बात हो रही है। पुरुषों ने नहीं देखा कि मैं मैदान पर कितनी बार रोया।'
'पांच मिनट तक सभी सकते में होते हैं'
इंग्लैंड की महिला टीम की गोलकीपर सियोबान चेम्बरलेन ने कहा, 'हम सभी को पता है कि गोल होने के पांच मिनट बाद तक सभी फुटबॉलर सकते में होते हैं, महिला फुटबॉल ही नहीं पुरुष फुटबॉल में भी ऐसा होता है, आपके खिलाफ गोल होने की संभावना अधिक होती है, आपके दोबारा गोल करने की संभावना अधिक होती है।'