उलान उदे: पहली बार वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भाग लेकर फाइनल में पहुंचने वाली मंजू रानी को खिताबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है। महिलाओं के 48 किग्रा भारवर्ग के फाइनल में उन्हें रूसी मुक्केबाज एकेटेरीना पाल्टसेवा के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही मेरीकॉम के बाद विश्व चैंपियनशिप खिताब जीतने वाली दूसरी भारतीय मुक्केबाज बनने का सपना टूट गया। इस तरह भारतीय दल ने 4 पदक के साथ टूर्नामेंट का अंत किया। जिसमें 1 रजत और 3 कांस्य पदक शामिल हैं। 6 बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरीकॉम को भी कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा लेकिन उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में रिकॉर्ड आठवां पदर अपने नाम किया।
रूसी मुक्केबाज ने मंजू रानी को 4-1 के अंतर से मात दी। रानी 18 साल में पहली बार विश्व चैंपियनशिप में भाग लेकर फाइनल तक पहुंचने वाली भारतीय मुक्केबाज बनीं। इससे पहले मेरीकॉम ने 2001 में ऐसा किया था। मंजू विश्व चैंपियनशिप 2019 के फाइनल में पहुंचने वाली एकलौती भारतीय मुक्केबाज रहीं। उनके अलावा एमसी मेरीकॉम 51 किग्रा भारवर्ग, जमुना बोरा 54 किग्रा भारवर्ग और लवलीना बोरगोहेन 69 क्रिग्रा भारवर्ग के सेमीफाइनल में पहुंची। इन तीनों मुक्केबाजों को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा और तीनों को ही कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।