[VIDEO] स्केटिंग करती 11 साल की लड़की वो भी साड़ी में, 'कोरोना टीके' को लेकर कर रही जागरूक

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में COVID टीकाकरण के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अपने गांव में एक 11 वर्षीय लड़की के साड़ी में स्केटिंग करने के एक वीडियो ने सभी का दिल जीत लिया है।

girl skates in saree in Sitapur
गांवों के लोग अभी भी कोरोना टीका लेने से हिचकिचा रहे हैं  |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • सीतापुर के एक गांव में साड़ी पहने 11 साल की एक लड़की कर रही स्केटिंग
  • स्केटिंग का मकसद ग्रामीणों में टीकाकरण को लेकर गलतफहमियों को दूर करना
  • अधिकतक गांवों में लोग डर की वजह से कोरोना वैक्सीन लगवाने में हिचकिचा रहे हैं

सीतापुर: उत्तर प्रदेश की 11 साल की बच्ची के गुलाबी रंग की साड़ी पहने वीडियो ने सभी का दिल जीत लिया है वीडियो में उत्तर प्रदेश के सीतापुर के रामकोट गांव की लड़की साड़ी में स्केटिंग के लिए सबका ध्यान खींच रही है, उसके स्केटिंग के पीछे मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों में COVID टीकाकरण के बारे में जागरूकता पैदा करना है। उसके उत्कृष्ट स्केटिंग कौशल ने उसके गाँव के सभी लोगों को चकित कर दिया है।

गौरललब है कि देश पहले से ही घातक संक्रामक दूसरी लहर से जूझ रहा है, गांवों के लोग अभी भी COVID-19 के खिलाफ टीका लेने से हिचकिचा रहे हैं।महामारी गरीबी से त्रस्त ग्रामीण इलाकों को भी तबाह कर रही है हालांकि इसके पीछे की वजह अज्ञानता और भय है जिसकी वजह से लोग टीका लगवाने में हिचकिचा रहे हैं।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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एक विश्लेषण के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 15 प्रतिशत लोगों ने कम से कम टीके की पहली खुराक ली है क्योंकि गांवों में अभी भी झिझक बनी हुई है। ग्रामीणों को डर है कि वैक्सीन लेने से उनकी मौत हो सकती है।

''कई ग्रामीणों को डर है कि वैक्सीन लेने के बाद उनकी मृत्यु हो सकती है''

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कई ग्रामीणों को डर है कि वैक्सीन लेने के बाद उनकी मृत्यु हो सकती है। हरियाणा के एक निवासी ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, "मेरे गांव में बहुत से लोग वैक्सीन नहीं लेना चाहते हैं। उन्हें डर है कि अगर वे इसे ले लेंगे तो वे मर जाएंगे।"

200 ग्रामीणों ने सरयू नदी में छलांग लगा दी थी

वहीं उत्तर प्रदेश में बाराबंकी के सिसोदिया गांव में उत्तर प्रदेश के कम से कम 200 ग्रामीणों ने सरयू नदी में छलांग लगा दी। काफी समझाने के बाद उन्होंने नदी से बाहर आने का फैसला किया, रिपोर्टों से पता चलता है कि उन्हें बचताया गया था कि यह कोई टीका नहीं है, बल्कि एक जहरीला इंजेक्शन है।


 

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