नई दिल्ली: आपने अक्सर देखा होगा कि अभिभावक अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए वो हर कदम उठाते हैं जो बच्चे की जरूरत होती है भले ही उन्हें इसके लिए अहम कुर्बानी देनी पड़ी। लेकिन यहां जो स्टोरी हम आपको बताने जा रहे हैं उस पढ़कर आपको भी हैरानी होगी। एक 48 साल की महिला ने अपनी 22 साल की बेटी का पहचान पत्र चुराकर ना केवल धोखाधड़ी की बल्कि पहचान पत्र से मिलने वाले फायदों का भी लाभ उठाया। मामला अमेरिका के मिसई प्रांत का है।
48 साल की लौरा ऑगलेस्बी को अपनी बेटी की पहचान चुराने के बाद पहचान की चोरी और सामाजिक सुरक्षा धोखाधड़ी के लिए संघीय जेल में पांच साल तक का सामना करना पड़ रहा है। 48 वर्षीय ने लौरा ने लंबे समय तक 22 साल का होने का नाटक किया और दो साल तक अपनी अलग बेटी के नाम लॉरेन एशले हेज़ का इस्तेमाल किया। उसने हेज़ के नाम पर एक सामाजिक सुरक्षा कार्ड के लिए आवेदन किया, छात्र ऋण सुरक्षित किया, कॉलेज में दाखिला लिया, और यहां तक कि उन विश्वविद्यालय के छात्रों को भी डेट किया, जिन्हें उसकी वास्तविक पहचान के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
माउंटेन व्यू पुलिस विभाग के चीफ जेमी पर्किन्स ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि "हर कोई इस पर विश्वास करता था।" उसने सभी को यह विश्वास दिलाने के लिए बरगलाया कि वह वही है जो प्रवेश पत्र में उसकी पहचान। उसके बॉयफ्रेंड भी थे जो मानते थे कि लौरा की उम्र उस समय 22 साल की थी। लौरा को मिसौरी के सामाजिक सुरक्षा प्रशासन को जानबूझकर गलत जानकारी प्रदान करने के एक मामले में दोषी ठहराया है। उसने 2016 से ही बेटी के नाम पर धोखाधड़ी शुरू कर दी थी।
लौरा ने पूरी तरह से एक युवा जीवन शैली को अपनाया चाहे वो कपड़े हो या मेकअप या फिर पर्सनालिटी। उसने पूरी तरह से 20 के दशक की शुरुआत में एक कम उम्र की लड़की बनने का ख्वाब देखा था। लौरा का उसका एक सोशल मीडिया अकाउंट भी था जिसमें उसने खुद को अपनी बेटी के रूप में दिखाया था तथा फोटोज को फिल्टर से एडिट कर युवा होने का नाटक किया था।