कहा जाता है कि जानवर बेजुबान होते हैं वो अपना दर्द किसी से नहीं कह सकते बस बेचारे अपनी व्यथा को इशारों में ही बता सकते हैं, ऐसा नहीं है कि उनको समझने वाले नहीं है बल्कि ऐसे लोगों की तादाद बहुत ज्यादा है जो जानवरों को बहुत प्यार करते हैं और उनके दुख-दर्द को बखूबी समझते हैं वहीं ऐसे भी लोग हैं जो जानवरों पर अत्याचार करने मे खुशी महसूस करते है, यही नहीं कई तो वो उनकी जान लेने नें भी गुरेज नहीं करते हैं।
ताजा मामला तमिलनाडु से सामने आया जहां एक हाथी पर जलता हुआ टायर फेंका गया जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। मगर ये कोई एक मामला नहीं है भारत में जानवरों की मौत के कई मामले हाल ही में सामने आए हैं जहां पर उनकी बेहद दर्दनाक मौत हुई है।
बेजुबान जानवरों के साथ कुछ लोग ऐसी बर्बरता कर जाते हैं कि पूरी इंसानियत शर्मसार हो जाती है। भारत में हाल ही में जानवरों की जान लेने के कुछ मामले सामने आए हैं जिसमें आदमी ने बहशी जानवर बनकर ना सिर्फ उन्हे चोट पहुंचाई बल्कि उनकी जान तक ले डाली।
केरल में बीते साल जून में एक हथिनी को बारूद से भरा अनाननास खिलाए जाने की घटना के बाद अब तमिलनाडु से भी उसी तरह की वारदात सामने आई जहां कथित तौर पर कुछ लोगों ने एक हाथी के ऊपर जलता हुआ टायर फेंक दिया।
यह टायर उसके कान में फंस गया और इससे बुरी तरह झुलस जाने के बाद आखिरकार उसने दम तोड़ दिया। यह घटना तमिलनाडु के नीलगिरी में मसिनागुडी क्षेत्र की है, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
जलता हुआ टायर पर हाथी के ऊपर गिरा तो वह दर्द से इधर-उधर भागने लगा। घायल हाथी को इस हालत में देखकर वन रेंजर्स उसे मुदुमलाई टाइगर रिजर्व भी लेकर गए, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका और 19 जनवरी को उसने दम तोड़ दिया।
सोशल मीडिया पर इस हाथी का जो वीडियो सामने आया, उसमें एक वन रेंजर को ट्रक में मृत पड़े हाथी की सूंड़ पकड़कर रोते देखा जा सकता है। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर कई लोगों को भावुक कर दिया और लोग हाथी के साथ इस बर्बर वारदात को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। बीते साल जून में केरल में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जब कुछ लोगों ने एक गर्भवती हथिनी को बारूद से भरा अनानास खिला दिया था।
ये मामला सिर्फ एक हाथी की मौत का नहीं है बल्कि उसके नवजात की मौत का भी है क्योंकि वो हथिनी प्रेग्नेंट थी और सब कुछ सही रहता तो वो जल्दी ही अपने बच्चे को जन्म देती और उसको पालती लेकिन ऐसा ना हो सका और उस हथिनी की मौत के साथ ही उसका नवजात भी दुनिया देखने से पहले काल के गाल में समा गया।
वो बच्चा देखता भी क्या ये क्रूर दुनिया जहां ऐसे हत्यारे बसते हैं जो महज अपने मनोरंजन की खातिर किसी बेजुबान की जान लेने में गुरेज नहीं करते हैं, उस हथिनी का कसूर क्या था कि वो भूखी थी और ये भूख मिटाना ही उसकी जान जाने का सबब बन गया।
केरल के हथिनी मामले के बाद हाल ही में असम के गोरचुक इलाके में स्थानीय लोगों ने एक चीते की पीट-पीटकर हत्या कर डाली, चीते की हत्या के बाद उसके दांत एवं नाखून निकाल लिए गए थे। असम में चीते को मारने की यह पांचवी घटना बताई जा रही है इसके पहले लॉकडाउन के दौरान अप्रैल में गोलाघाट में चार चीतों के मारने की बात सामने आई थी।
केरल मामले के बाद ही हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में भी कुछ शरारती तत्वों ने गाय को खाने के समान में विस्फोटक पदार्थ खिला दिया था जिसके कारण गाय का जबड़ा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया यहां पर एक खेत में चरने के दौरान एक गर्भवती गाय के मुंह में विस्फोट हो गया जिससे उसका जबड़ा उड़ गया।
केरल की हथिनी की तरह गाय भी गर्भवती थी बाद में जख्मी गाय ने इलाज के दौरान एक बछड़े को जन्म दिया है। पशु चिकित्सकों का कहना है कि गाय अब नॉर्मल दिनों की तरह ढेर सारा चारा एक साथ नहीं खा सकेगी।