नई दिल्ली: महामारी ने हमें सिखाया है कि यदि आपको पूरे दिन कंप्यूटर के सामने बैठना है तो फिर दफ्तर में फिजिकल रूप से उपस्थित होना जरूरी नहीं है। जहां कई कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम मॉडल को अपनाया है, वहीं अन्य जल्द से जल्द ऑफिस से काम करने के लिए वापस दफ्तर जाने के लिए उत्सुक हैं। जब एक सीईओ ने अपने कर्मचारियों से कहा कि अगर वे वर्क फ्रॉम होम करना चाहते हैं तो 'कहीं और काम पर जाएं, वो नौकरी छोड़ सकते हैं।'
फूड डिलीवरी ऐप के एक कर्मचारी ने रेडिट को बताया कि महामारी के बीच कर्मचारी कार्यालय में लौटने में सहज नहीं थे। कर्मचारी ने बताया, 'पिछले साल कुछ समय के लिए, मैंने फूड डिलीवरी ऐप के लिए ऐप डेवलपमेंट टीम में से एक के लिए टीम लीड के रूप में काम किया था। पूरी टीम महामारी की शुरुआत के बाद से घर से काम कर रही थी और उसके पास आपस में जुड़ने के लिए रिमोट था। सब अलग-अलग जगहों पर थे लेकिन आगे बढ़ने के लिए लगातार काम कर रहे थे।'
कर्मचारी ने आगे बताया , 'लेकिन सीनियर टीम ने तब फैसला किया हम सभी पार्ट टाइम ऑफिस वापस जाएंगे, धीरे-धीरे फुल टाइम की तरफ बढ़ेंगे। हमें जब काम पर रखा गया था तो काम को लेकर किसी तरह की बात नहीं बताई गई थी। वे कर्मचारी, जो उन शहरों से काम कर रहे थे जहाँ कोई कंपनी का कार्यालय नहीं था और उन्हें रिमोट वर्कर्स के रूप में काम पर रखा गया था, उन्हें 1 साल की योजना के साथ आने के लिए कहा गया था कि वे बिना किसी सहायता या मुआवजे के शहर में दफ्तर कैसे जा सकते हैं।'
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कर्मचारी ने बताया कि जो लोग दूर से काम कर रहे थे वे इससे खुश नहीं थे क्योंकि वे अपने पूरे परिवार के साथ शिफ्ट होना नहीं चाहते थे। एक सवाल जवाब के सत्र के दौरान, उनमें से एक ने सीईओ से पूछा कि क्या कंपनी लोगों के लिए उनकी स्थिति को लेकर कोई नरम रूख अपनाएगी। सीईओ ने स्पष्ट रूप से कहा, 'देखो हम यही से काम कर रहे हैं और जो हमें लगता है कि कंपनी के लिए सबसे अच्छा है। अगर आप घर से काम करना चाहते हैं, तो मेरा सुझाव है कि कहीं और काम करें।' और कर्मचारियों ने सीईओ के सुझाव को गंभीरता से लिया।
आगे जो हुआ वह एक गुब्बारे से बाहर निकलने वाली हवा जैसा था। कंपनी र्चुअल घोस्ट टाउन बन गई। धीरे-धीरे उत्साही बातचीत कम से कम होने लगी केवल फॉर्मेलिटी होने लगी। मीटिंग में लोग नहीं आने लगे और एक महीने के भीतर इस्तीफों की झड़ी लग गई है। शख्स ने बताया कि उसकी टीम में आठ लोग थे केवल दो ही बच गए। 6 महीने हो गए कंपनी अभी भी नए लोगों की तलाश कर रही है। कर्मचारी ने निष्कर्ष निकाला, 'मुझे कम जिम्मेदारियों के लिए 50% वेतन अधिक मिला और पहले की तरह काम के प्रेशर में अवैतनिक ओवरटाइम के बजाय दिन में कुछ ही घंटे काम करना होता है।'
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