तिरुवनंतपुरम : केरल के कालीकट इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शुक्रवार देर शाम हुए हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है, जबकि 149 लोग घायल हो गए। इन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जिनमें से 23 को छुट्टी दी जा चुकी है। केरल सरकार ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि का ऐलान किया है, पर ये जख्म जिंदगीभर उन्हें सालता रहेगा, जो विदेशों से अपनों के लौटने का इंतजार कर रहे थे। घरों में खुशी का माहौल था, पर अचानक हुए इस हादसे ने सारी खुशियां छीन ली और अब वहां मातम पसरा है।
दुबई से कालीकट आ रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की यह एक विशेष उड़ान थी, जिसे कोरोना संकट के दौरान विदेशों से भारत आने के इच्छुक लोगों के लिए 'वंदे भारत मिशन' के तहत चलाया गया था। इस हादसे में पायलट कैप्टन डीवी साठे और सह-पायलट अखिलेश कुमार की भी जान चली गई। अखिलेश की पत्नी गर्भवती हैं और अगले 15-17 दिनों में उनकी डिलीवरी होनी है। विशेष विमान से घर लौट रहे यात्रियों में जाहिर तौर पर खुशी का माहौल था। इन्हीं में शराफू पिलासेरी भी थे, जिन्होंने रवानगी से ठीक पहले अपने फेसबुक पर 'बैक टू होम' पोस्ट किया था।
कोझीकोड में कुन्नमंगलम से ताल्लुक रखने वाले पिलासेरी दुबई में अपनी पत्नी अमीना शेरिन और बेटी ईसा फातिमा के साथ रहते थे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए कई देशों ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगा दी, जिनमें भारत भी शामिल रहा। बाद में भारत ने वंदे भारत मिशन के तहत ऐसे लोगों के लिए स्वदेश वापसी के लिए विशेष उड़ानों का संचालन शुरू किया, जो विदेशों से घर वापसी के इच्छुक हैं। इसी के तहत पिलासेरी ने पत्नी और बेटी के साथ स्वदेश वापसी का मन बनाया, पर तब शायद ही उन्हें मालूम था कि यह हादसा होगा और सब तहस-नहस हो जाएगा।
इस घटना में जहां पिलासेरी की जान चली गई, वहीं उनकी पत्नी की हालत स्थिर बताई जा रही है, जबकि बेटी अब भी जिंदगी व मौत से जूझ रही है। दुबई से रवाना होने से ठीक पहले उन्होंने अपनी पत्नी और बेटी के साथ तस्वीर भी पोस्ट की थी, जिसमे वे फेसशील्ड पहने नजर आ रहे हैं। इसके साथ उन्होंने लिखा था, 'बैक टू होम।' पिलासेरी का यह पोस्ट अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
उनकी इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट दुबई में ही रह रहे उनके होटल मालिक दोस्त शफी परकुलकुलम ने शेयर किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि स्वदेश वापसी के लिए रवाना होने से पहले पिलासेरी अलविदा कहने के लिए उनके होटल में आए थे। उन्होंने यह भी लिखा है कि पिलासेरी पहले से ही यात्रा को लेकर असहज महसूस कर रहे थे। यहां तक कि उन्होंने शफी को कुछ पैसे भी दिए और कहा कि वह इन्हें बाद में अपने हिसाब से जरूरतमंदों को दे दें। शफी के मुताबिक, कोरोना काल में भी पिलासेरी ने कई जरूरतमंदों की मदद की।